IND vs BAN Pitch Report: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का पहला मैच 20 फरवरी को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में भारत और बांगलादेश के बीच खेला जाएगा। इस टूर्नामेंट के अधिकांश मैच पाकिस्तान में खेले जाएंगे, लेकिन भारतीय टीम अपने सभी मैच दुबई में खेलेगी। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि दुबई की पिच का मिजाज कैसा रहेगा? हालांकि मैच से पहले पिच के बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन अनुमान लगाए जा रहे हैं कि पिच धीमी हो सकती है।
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ToggleILT20 के कारण धीमी हो सकती है दुबई की पिच
दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में हाल ही में ILT20 (International League T20) लीग के मैच खेले गए थे। इस लीग का अंतिम मैच 9 फरवरी को हुआ था, और अब लगभग 11 दिन बाद चैंपियंस ट्रॉफी के मैच खेलें जाएंगे। इस बीच पिच के धीमे होने की संभावना जताई जा रही है, क्योंकि ILT20 के दौरान इस पिच पर काफी क्रिकेट खेला गया है। पिच के बारे में पिच क्यूरेटर ने हालांकि ज्यादा कुछ नहीं कहा, लेकिन उन्होंने यह जरूर बताया कि वह अगले 10 दिनों में पिच को बेहतर बनाने की कोशिश करेंगे। ऐसे में यह देखा जाना बाकी है कि पिच कितनी धीमी हो जाती है और स्पिनर्स के लिए कितनी मददगार होती है।
पिच पर ODI मैच का लंबा इंतजार
भारत-बांगलादेश का मैच 20 फरवरी को दुबई में खेला जाएगा, और इसके बाद 23 फरवरी को भारत और पाकिस्तान के बीच एक बड़ा मुकाबला होगा। ESPNcricinfo की रिपोर्ट के अनुसार, पिच क्यूरेटर का कहना है कि दुबई की पिच को ODI के हिसाब से तैयार किया जा रहा है। पिछले कुछ समय से इस मैदान पर केवल टी20 मैच खेले गए हैं, और जून 2019 के बाद से यहां बहुत कम ODI मैच हुए हैं। इसलिए पिच और स्कोर के बारे में कोई ठोस अनुमान लगाना मुश्किल है। लेकिन एक सामान्य आकलन के अनुसार, 250 से 300 रन का स्कोर अच्छा रहेगा। यदि कोई टीम 300 रन पार करती है, तो उसे जीत की खुशबू महसूस होने लगेगी।
स्पिनर्स के लिए पिच हो सकती है मददगार
यदि दुबई की पिच धीमी होती है और स्पिनर्स को मदद मिलती है, तो यह टीम इंडिया के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने 15 सदस्यीय टीम में पांच स्पिनर्स को शामिल किया है, जिसमें विशेषज्ञ स्पिनर्स के साथ-साथ ऑलराउंडर्स भी शामिल हैं, जो गेंद और बैट दोनों से योगदान दे सकते हैं। भारतीय टीम का स्पिन विभाग मजबूत है, जिसमें युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव, और रविचंद्रन अश्विन जैसे अनुभवी स्पिनर्स शामिल हैं। इन खिलाड़ियों का अनुभव और कौशल इस पिच पर भारतीय टीम के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है।
टीम इंडिया को पेस अटैक की कमी का सामना करना पड़ सकता है
दूसरी ओर, अगर पिच में गति कम हो और यह धीमी हो जाए, तो टीम इंडिया को अपने तेज गेंदबाजों से उतना फायदा नहीं मिलेगा। भारत की तेज गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह की कमी महसूस हो सकती है, क्योंकि वह चोट के कारण इस टूर्नामेंट में नहीं खेल रहे हैं। बुमराह की जगह मोहम्मद शमी, अरशदीप सिंह और हर्षित राणा जैसे गेंदबाजों को जगह दी गई है। हालांकि, इन गेंदबाजों का अनुभव और क्षमता निश्चित रूप से प्रभावी हो सकती है, लेकिन बुमराह की अनुपस्थिति टीम इंडिया के लिए एक बड़ा झटका हो सकती है।
इसके अलावा, बांगलादेश की टीम भी स्पिनर्स के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करती है, इसलिए टीम इंडिया को अपनी स्पिन गेंदबाजी से सावधान रहना होगा। बांगलादेश के खिलाफ स्पिनरों के प्रदर्शन को देखते हुए टीम इंडिया को अपनी रणनीतियां तैयार करनी होंगी, ताकि वे बेहतर तरीके से मुकाबला कर सकें।
दुबई की पिच पर स्पिनर्स का दबदबा
स्पिनर्स की मददगार पिच पर भारत के पास एक मजबूत हथियार होगा। युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव जैसे स्पिनर्स अपनी चतुराई से बल्लेबाजों को उलझा सकते हैं। खासतौर पर कुलदीप यादव, जिनका पाकिस्तान और बांगलादेश के खिलाफ शानदार रिकॉर्ड है, वह अपनी कलाई की गति और विविधताओं से विपक्षी बल्लेबाजों को परेशानी में डाल सकते हैं। इसके अलावा, रविचंद्रन अश्विन का अनुभव भी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में पिच पर कैसे काम करना है, यह अच्छी तरह से समझ लिया है।
दूसरी ओर, बांगलादेश के लिए पिच पर गति की कमी एक समस्या हो सकती है, क्योंकि उनकी टीम स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ संघर्ष करती रही है। बांगलादेश के बल्लेबाजों को स्पिनर्स के खिलाफ सतर्क रहना होगा, क्योंकि धीमी पिचों पर उनका खेल थोड़ा कमजोर साबित हो सकता है।
बांगलादेश के खिलाफ भारत की रणनीति
भारत को बांगलादेश के खिलाफ अपनी रणनीति तैयार करते समय पिच की स्थिति को ध्यान में रखना होगा। यदि पिच धीमी होती है और स्पिनरों को मदद मिलती है, तो भारत को अपनी स्पिन गेंदबाजी का अधिक से अधिक इस्तेमाल करना होगा। कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल को साझेदारी में गेंदबाजी करने का मौका मिल सकता है, ताकि वे बांगलादेश के बल्लेबाजों को जाल में फंसा सकें।
वहीं, भारत के तेज गेंदबाजों को भी धीमी पिचों पर अपनी गति और नियंत्रण को बेहतर बनाना होगा। मोहम्मद शमी और अरशदीप सिंह के पास इसका अच्छा अनुभव है, लेकिन वे बुमराह के जैसा दबाव नहीं बना पाएंगे। ऐसे में भारत को स्पिन और पेस दोनों विभागों में संतुलन बनाए रखना होगा, ताकि बांगलादेश को कमजोर किया जा सके।
दुबई की पिच पर 20 फरवरी को भारत और बांगलादेश के बीच होने वाला मुकाबला रोमांचक हो सकता है। इस पिच पर धीमी गेंदबाजी और स्पिनर्स की भूमिका महत्वपूर्ण होगी, और भारत के पास इस पिच का फायदा उठाने के लिए मजबूत स्पिन विभाग है। हालांकि, बांगलादेश के खिलाफ भारत को अपनी गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों विभागों में मजबूती बनाए रखनी होगी, ताकि वे इस मैच में जीत हासिल कर सकें।