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Vivek Joshi Appointed As EC: विवेक जोशी बने चुनाव आयुक्त, हरियाणा के रह चुके हैं मुख्य सचिव

Vivek Joshi Appointed As EC: विवेक जोशी बने चुनाव आयुक्त, हरियाणा के रह चुके हैं मुख्य सचिव

Vivek Joshi Appointed As EC: डॉ. विवेक जोशी, जिन्होंने हरियाणा के मुख्य सचिव के रूप में कार्य किया है, अब भारत के चुनाव आयोग में चुनाव आयुक्त के पद पर नियुक्त किए गए हैं। यह नियुक्ति 17 फरवरी, 2025 को हुई। विवेक जोशी हरियाणा कैडर के 1989 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं और नवंबर 2024 में उन्हें हरियाणा के मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। आइए जानते हैं इस नियुक्ति के बारे में और विवेक जोशी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी।

विवेक जोशी की नियुक्ति

भारत सरकार ने सोमवार, 17 फरवरी 2025 को डॉ. विवेक जोशी को चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया। यह नियुक्ति भारतीय संविधान के तहत, चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यकाल) अधिनियम, 2023 की धारा 4 के तहत की गई है। इस आदेश में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा विवेक जोशी को भारत के चुनाव आयोग में चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है।

विवेक जोशी की नियुक्ति से यह साफ होता है कि वे चुनाव आयोग के महत्वपूर्ण कार्यों में अपनी भूमिका निभाएंगे। उनका कार्यकाल तब तक रहेगा जब तक वे 65 वर्ष की आयु तक कार्यरत रहते हैं, यानी उनका कार्यकाल 2031 तक रहेगा।

विवेक जोशी का व्यक्तिगत जीवन और करियर

विवेक जोशी का जन्म 21 मई 1966 को हुआ था। वे 58 वर्ष के हैं और उनके पास एक मजबूत प्रशासनिक अनुभव है। वे हरियाणा के आईएएस अधिकारी हैं और उनकी सेवा का अनुभव काफी व्यापक है। विवेक जोशी को भारतीय प्रशासन में अपनी मेहनत और समर्पण के लिए पहचाना जाता है।

साल 2019 से वे केंद्र सरकार के तहत विभिन्न जिम्मेदारियों में कार्यरत थे और हरियाणा राज्य में मुख्य सचिव के रूप में कार्य करते हुए राज्य के प्रशासनिक सुधारों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

चुनाव आयुक्त के रूप में विवेक जोशी की भूमिका

चुनाव आयुक्त के रूप में विवेक जोशी की जिम्मेदारियां बहुत महत्वपूर्ण होंगी। चुनाव आयोग भारतीय लोकतंत्र के सबसे अहम संस्थानों में से एक है और यह सुनिश्चित करता है कि चुनाव निष्पक्ष, स्वतंत्र और पारदर्शी तरीके से हों।

विवेक जोशी को इस पद पर कार्य करते हुए विभिन्न विधानसभा चुनावों की देखरेख करनी होगी। उनके जिम्मे इस साल बिहार विधानसभा चुनाव और 2026 में केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों की जिम्मेदारी होगी। यह चुनाव देश की राजनीति के लिए बहुत अहम होंगे और चुनाव आयोग की भूमिका में विवेक जोशी का योगदान बहुत महत्वपूर्ण होगा।

चुनाव आयुक्त के पद पर कार्य करने की प्रक्रिया

भारत में चुनाव आयुक्त की नियुक्ति एक संवैधानिक प्रक्रिया के तहत होती है। इस प्रक्रिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक नियुक्ति समिति बनाई जाती है। इस समिति में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी शामिल होते हैं। इस समिति की बैठक प्रधानमंत्री कार्यालय (साउथ ब्लॉक) में हुई थी, जहां विवेक जोशी का नाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नियुक्ति के लिए प्रस्तावित किया गया था।

यह समिति यह सुनिश्चित करती है कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति एक पारदर्शी और न्यायपूर्ण तरीके से हो। विवेक जोशी की नियुक्ति इस समिति के निर्णय के बाद की गई है, और यह दिखाता है कि उनकी क्षमता और अनुभव को इस पद के लिए उचित माना गया है।

चुनाव आयुक्त के रूप में क्या जिम्मेदारियाँ होंगी?

चुनाव आयुक्त के रूप में विवेक जोशी की प्रमुख जिम्मेदारी होगी चुनावों के निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से संचालन को सुनिश्चित करना। उन्हें चुनाव प्रक्रिया के हर पहलू की निगरानी करनी होगी, जिसमें मतदाता सूची का सत्यापन, मतदान केंद्रों की सुरक्षा, चुनावी दलों की अनुमति और चुनावी आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करना शामिल होगा।

इसके अलावा, उन्हें चुनाव परिणामों की घोषणा और उनका प्रमाणीकरण करने की प्रक्रिया में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। वे यह सुनिश्चित करेंगे कि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आयोजित हों, जिससे जनता का विश्वास चुनाव प्रक्रिया पर बना रहे।

विवेक जोशी का प्रशासनिक अनुभव

हरियाणा के मुख्य सचिव के रूप में कार्य करते हुए विवेक जोशी ने राज्य के प्रशासनिक ढांचे में कई सुधार किए। उनके नेतृत्व में राज्य ने कई प्रशासनिक योजनाओं को लागू किया और हरियाणा को विभिन्न सरकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण सफलता मिली। उनकी कार्यशैली और अनुभव चुनाव आयोग में उनकी भूमिका को प्रभावी बनाएंगे।

इसके अलावा, वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भी रहे हैं और उन्होंने केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के साथ मिलकर काम किया है। यह उनका प्रशासनिक अनुभव ही है, जो उन्हें चुनाव आयुक्त के रूप में जिम्मेदारियों को सही तरीके से निभाने के लिए सक्षम बनाएगा।

क्या बदलाव आएंगे चुनाव आयोग में?

विवेक जोशी की नियुक्ति के बाद चुनाव आयोग में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं। उनकी प्रशासनिक पृष्ठभूमि और प्रशासनिक निर्णय लेने की क्षमता से चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली में सुधार हो सकता है। इसके अलावा, चुनाव आयोग के द्वारा समय-समय पर चुनावी प्रक्रिया में सुधार करने के लिए नए कदम उठाए जा सकते हैं।

विवेक जोशी का अनुभव और उनकी कार्यशैली चुनाव आयोग को और भी बेहतर बनाने में मदद करेगी। उनकी नियुक्ति से यह स्पष्ट होता है कि चुनाव आयोग में उनके नेतृत्व में सुधार और विकास की दिशा में कार्य किया जाएगा।

डॉ. विवेक जोशी की नियुक्ति भारत के चुनाव आयोग में एक महत्वपूर्ण घटना है। उनकी नियुक्ति से यह उम्मीद जताई जा रही है कि वे चुनावों के संचालन में निष्पक्षता और पारदर्शिता को बढ़ावा देंगे। उनका प्रशासनिक अनुभव और नेतृत्व क्षमता चुनाव आयोग को एक नई दिशा दे सकती है, जो देश के लोकतंत्र को और भी मजबूत बनाएगी। चुनाव आयुक्त के रूप में उनकी जिम्मेदारियां कठिन हो सकती हैं, लेकिन उनके अनुभव और समर्पण से यह उम्मीद की जाती है कि वे इन जिम्मेदारियों को बखूबी निभाएंगे।

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