1 लाख युवाओं को प्रतिवर्ष तथा 10 वर्ष में कुल 10 लाख युवाओं को स्वरोजगार का अवसर.
- जिलाधिकारी की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के अन्तर्गत बैठक
- मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान से प्रदेश व जिले में एमएसएमई को लगेंगे पंख
- मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना में पंजीकरण हेतु लिंक हुआ एक्टिवेट
- 21 से 40 वर्ष आयु, न्यूनतम 08वीं पास की शैक्षणिक योग्यता तथा मान्यता प्राप्त संस्थान से कौशल प्रशिक्षण प्रमाण पत्र की आवश्यकता
- रु 0 5 लाख तक के उद्योग सेवा परियोजना पर 100 प्रतिशत ब्याजमुक्त एवं बिना गारंटी के ऋण
- परियोजना लागत का 10 प्रतिशत मार्जिन मनी अनुदान निर्धारित.
रिपोर्ट : रजनी भारती
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Toggleमुरादाबाद। सागर और ज्वाला न्यूज।जिलाधिकारी अनुज सिंह की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के अन्तर्गत जिला कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई की कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने संयुक्त आयुक्त उद्योग योगेश कुमार को मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान को ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार करवाने के दिए निर्देश। उन्होंने एलडीएम मुरादाबाद को मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के सफल बनाने हेतु बैंकर्स के साथ समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को गति प्रदान करते हुए इन उद्योगों को प्रोत्साहित करने एवं इस क्षेत्र में अधिक से अधिक रोजगार सृजित किए जाने तथा प्रदेश में पूंजी निवेश को आकर्षित करने हेतु प्रतिवर्ष 1 लाख नई सूक्ष्म इकाइयों स्थापित किए जाने के लक्ष्य के साथ मिशन मोड में आगामी 10 वर्षों की समयावधि में कुल 10 लाख नई सूक्ष्म इकाइयां स्थापित किए जाने के महत्वपूर्ण उद्देश्य की पूर्ति हेतु एक महत्वाकांक्षी नई योजना मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान प्रारंभ की गई है। योजना का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश के शिक्षित व प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़कर नए सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के माध्यम से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में रोजगार सृजित करना है।
प्रतिवर्ष 1 लाख युवाओं को वित्त पोषित कर इस स्वरोजगार मिशन द्वारा आगामी 10 वर्षों में 10 लाख सूक्ष्म इकाइयों की स्थापना करना है।
योजना का लाभ उठाने हेतु अप्लाई करने के दौरान क्या क्या कार्यवाही करने होगी
बैठक में संयुक्त आयुक्त उद्योग ने बताया कि योजना का लाभ उठाने हेतु अप्लाई करने के दौरान फोटो, हस्ताक्षर, आयु प्रमाण पत्र, व्यक्तिगत/पैतृक मकान (बिजली बिल/वोटर आईडी/आधार कार्ड की प्रति), शैक्षणिक योग्यता संबंधी प्रमाण-पत्र, नोटरी द्वारा प्रमाणित शपथ-पत्र, जाति प्रमाण पत्र (अनु0जाति/अनु0जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग), ऋण प्रदाता बैंक के साथ संपर्क इतिहास (संबंधित बैंक शाखा में चालू/बचत खाता के पासबुक का प्रथम पृष्ठ की प्रति), अनुभव प्रमाण पत्र अथवा अन्य सुसंगत प्रमाण पत्र की प्रति, दिये गये पते पर कब से निवास कर रहे हैं (पार्षद/ग्राम प्रधान/वार्ड मेम्बर द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र की प्रति), पैन कार्ड, परियोजना रिपोर्ट तथा कौशल प्रमाण पत्र/प्रशिक्षण प्रमाण पत्र/आरएसईटी से प्राप्त प्रशिक्षण/आईटीआई से प्राप्त प्रशिक्षण/कम्प्यूटर प्रशिक्षण प्रमाण पत्र अपलोड करना होगा। उन्होंने बताया कि उद्योग एवं सेवा क्षेत्र की अधिकतम रुपए 5 लाख तक की परियोजनाओं के ऋण पर अनुदान निर्धारित किया जाएगा। रुपए 5 लाख से अधिक रुपए 10 लाख तक परियोजना लागत वाली इकाइयों में ऋण वित्त की व्यवस्था लाभार्थी को स्वयं के स्रोतों से करनी होगी
जिसके सापेक्ष कोई अनुदान देय नहीं होगा। उद्योग एवं सेवा क्षेत्र की परिभाषा भारतीय संसद द्वारा अधिनियमित सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विकास अधिनियम 2006 में यथा परिभाषित से है। उद्योग का सुस्पष्ट आशय विनिर्माण क्षेत्र से है। विनिर्माण क्षेत्र में संलग्न होने वाली सभी इकाइयां उद्योग की श्रेणी में वर्गीकृत की जाएगी। सेवा क्षेत्र का आशय ऐसी इकाइयों से है जो ट्रेडिंग (किसी सामान को क्रय कर उसको उसी रूप में विक्रय करना) तथा विनिर्माण क्षेत्र से भिन्न हो तथा किसी तरह की सेवा से संबंधित हो। ऋण कंपोजिट लोन प्रकृति का होगा। कुल परियोजना लागत का न्यूनतम 10 प्रतिशत टर्म लोन के रूप में होना अनिवार्य होगा। परियोजना में भूमि भवन का किराए सम्मिलित नहीं होगा ।
सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को परियोजना लागत का 15 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग के लाभार्थी को परियोजना लागत का 12.5 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति/जनजाति/दिव्यांगजन के लाभार्थी को परियोजना लागत का 10 प्रतिशत स्वयं के अंशदान के रूप में जमा करना होगा। लाभार्थी को परियोजना लागत अथवा अधिकतम रुपए 5 लाख जो भी कम हो का 10 प्रतिशत मार्जिन मनी सब्सिडी के रूप में दिया जाएगा। यह अनुदान बैंक इंण्डेड होगा। परियोजना लागत अथवा अधिकतम रुपए 5 लाख जो भी कम हो के सापेक्ष बैंक/ वित्तीय संस्था से लिए गए ऋण के शत प्रतिशत ब्याज का उपादान वित्त पोषण की तिथि से अगले 4 वर्षों के लिए दिया जाएगा। सीजीटीएमएसई कवरेज हेतु आवश्यक धनराशि का वहन भी 4 वर्षों तक राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। यदि लाभार्थी द्वारा स्वयं के स्रोतों से किसी ऋण पर वित्तीय संस्था/बैंक से सीजीटीएमएसई कवरेज की सुविधा ली गई हो तो भी प्रस्तावित योजना में उसे ऋण एवं सीजीटीएमएसई कवरेज दिए जाने पर कोई रोक नहीं होगी।
ब्याज उपादान त्रैमासिक आधार पर दिया जाएगा। लोन की तिथि से 06 माह की अधिस्थगन अवधी दी जाएगी। द्वितीय चरण की परियोजना लागत अधिकतम रुपए 10 लाख हो सकेगी तथा प्रथम स्टेज में लिए गए ऋण का अधिकतम दोगुना अथवा रुपए 7.50 लाख जो भी कम हो, की ऋण धनराशि पर 50 प्रतिशत ब्याज उपादान वित्त पोषण की तिथि से अगले तीन वर्षों के लिए दिया जाएगा द्वितीय चरण की परियोजना में कोई मार्जिन मनी सब्सिडी देय नहीं होगी।इस योजना का लाभ लेने हेतु आवेदक उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए, आवेदक की आयु 21 से 40 वर्ष होनी चाहिए, आवेदक की योग्यता न्यूनतम कक्षा 8 उत्तीर्ण होना चाहिए, इंटरमीडिएट उत्तीर्ण अथवा समकक्ष को वरीयता दी जाएगी।
आवेदक सरकार द्वारा संचालित प्रशिक्षण योजनाओं जैसे विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, एक जनपद एक उत्पाद प्रशिक्षण एवं टूल किट योजना, अनुसूचित जातिध्जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग प्रशिक्षण योजना, उत्तर प्रदेश स्किल डेवलपमेंट मिशन द्वारा संचालित कौशल उन्नयन आदि में प्रशिक्षित हों, अथवा किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय शैक्षणिक संस्थान से कौशल संबंधी सर्टिफिकेट कोर्स डिप्लोमा डिग्री प्राप्त हो, पूर्व में पीएम स्वनिधि योजना के अतिरिक्त राज्य अथवा केंद्र सरकार द्वारा संचालित किसी अन्य योजना में ब्याज अथवा पूंजी उपादान का लाभ प्राप्त न किया हो। ऑनलाइन आवेदन हेतु https://msme.up.gov.in पर किया जा सकता है तथा अधिक जानकारी के लिए जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केंद्र निकट 23 पीएसी कांठ रोड पर कार्यालय दिवस के दिन संपर्क किया जा सकता है। बैठक में संयुक्त आयुक्त उद्योग श्री योगेश कुमार, एलडीएम, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी श्री मनोज कुमार गुप्ता, डिस्ट्रिक्ट मैनेजर सीएससी, डीसीओ केनरा बैंक, एसके जैन राजकीय आईटीआई सहित अधिकारीगण एवं बैंकर्स उपस्थित रहें।