New Delhi रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात एक भीषण भगदड़ की घटना ने रेलवे प्रशासन और यात्रियों के बीच चिंता का माहौल पैदा कर दिया। इस घटना में 18 लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 लोग घायल हुए हैं। यह हादसा तब हुआ जब शिवगंगा एक्सप्रेस ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर 12 से रात 8 बजे रवाना हुई और उसके बाद प्लेटफॉर्म पर भारी भीड़ जमा हो गई, जिससे पूरी स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
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रिपोर्ट के अनुसार, शिवगंगा एक्सप्रेस के प्लेटफॉर्म से रवाना होने के बाद प्लेटफॉर्म नंबर 12, 13, 14, 15, और 16 की तरफ जाने वाले रास्ते पूरी तरह से जाम हो गए थे। इसी बीच, रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के इंस्पेक्टर ने स्टेशन डायरेक्टर से तत्काल विशेष ट्रेन चलाने का सुझाव दिया था ताकि यात्री सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके बाद, Prayagraj जाने वाली ट्रेन के टिकट की बिक्री में भी असमर्थता देखी गई, जिससे हालात और भी गंभीर हो गए।
टिकट की बिक्री पर रोक और कुम्भ स्पेशल ट्रेन का फेरबदल
RPF इंस्पेक्टर ने तत्काल प्रभाव से Prayagraj जाने वाली ट्रेन के लिए 1500 टिकट प्रति घंटे की दर से बिकीं टिकटों की बिक्री को रोकने का आदेश दिया। इसके बावजूद, शाम 8:45 बजे एक घोषणा की गई कि कुम्भ स्पेशल ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर 12 से जाएगी। लेकिन कुछ समय बाद फिर से घोषणा की गई कि कुम्भ स्पेशल ट्रेन अब प्लेटफॉर्म नंबर 16 से जाएगी। इस घोषणा के बाद यात्रियों में अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया, क्योंकि लोग एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म की तरफ भागने लगे।
फुट ओवरब्रिज पर भगदड़
घटना के दौरान, प्लेटफॉर्म नंबर 12, 13 और 14 से 15 पर जाने वाले यात्री फुट ओवरब्रिज 2 और 3 पर चढ़ने के लिए भागे। इस दौरान, दूसरी ट्रेन के यात्री नीचे उतर रहे थे, जिससे दोनों ओर से बढ़ती भीड़ के बीच एक जद्दोजहद की स्थिति उत्पन्न हुई। इस जद्दोजहद के कारण भगदड़ की स्थिति बन गई और 8:48 बजे यह हादसा हुआ।
रेलवे प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस हादसे के बाद रेलवे प्रशासन ने तुरंत कई कदम उठाए हैं और कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, अब बिना किसी वैध कारण के फुट ओवरब्रिज पर घूमना पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके पालन के लिए सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है ताकि यात्री आसानी से प्लेटफॉर्म पर चल सकें और किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके।
इसके साथ ही, Prayagraj जाने वाली ट्रेनों की सख्त निगरानी की जा रही है। प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की संख्या पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है ताकि भीड़ के कारण कोई हादसा न हो। रेलवे विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि आगे से यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए और किसी भी प्रकार की भगदड़ से बचने के लिए उचित इंतजाम किए जाएं।
मृतकों के परिवारों को मिलेगा मुआवजा
रेलवे मंत्रालय ने इस दुखद हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है और मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा की है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि वह हादसे में घायल हुए लोगों के इलाज के लिए हर संभव मदद प्रदान करेंगे और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करेंगे।
इसके साथ ही, रेलवे मंत्रालय ने इस हादसे के कारणों की विस्तृत जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कड़े सुरक्षा उपाय और नई नीतियां
रेलवे प्रशासन ने इस घटना के बाद यात्री सुरक्षा को लेकर कई कड़े कदम उठाए हैं। अब से प्लेटफॉर्म पर यात्रियों के बीच भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जाएगी। ट्रेनों की गति को नियंत्रित किया जाएगा और प्लेटफॉर्म पर अनावश्यक भीड़ को रोकने के लिए लगातार निगरानी रखी जाएगी।
रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे केवल अपनी ट्रेन के लिए निर्धारित प्लेटफॉर्म पर जाएं और बिना किसी कारण के प्लेटफॉर्म पर जाम न लगाएं। इसके अलावा, यात्रियों को भीड़ से बचने के लिए पहले से अपने यात्रा कार्यक्रम की जानकारी लेनी चाहिए और प्लेटफॉर्म पर समय से पहले पहुंचने की सलाह दी गई है।
हादसे के बाद प्रतिक्रियाएं
हादसे के बाद इस घटना पर विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों द्वारा भी प्रतिक्रियाएं दी गई हैं। नेताओं ने इस हादसे पर शोक व्यक्त किया है और रेलवे विभाग से मांग की है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। वहीं, कई सामाजिक संगठनों ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदमों की सराहना की है, लेकिन उन्होंने कहा कि इन कदमों को पूरी तरह से लागू करने की आवश्यकता है।
रेलवे प्रशासन की ओर से यह भी कहा गया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए हर स्टेशन पर यात्री सुरक्षा को लेकर नई नीतियां बनाई जाएंगी और हर प्लेटफॉर्म पर भीड़ नियंत्रण के लिए खास इंतजाम किए जाएंगे।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई यह भगदड़ एक गंभीर हादसा था, जिसने न केवल 18 लोगों की जान ली, बल्कि कई अन्य यात्रियों को भी घायल किया। रेलवे प्रशासन ने घटना के तुरंत बाद सुरक्षा इंतजामों को कड़ा किया है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने का वादा किया है। यात्रियों की सुरक्षा अब रेलवे प्रशासन की सबसे बड़ी प्राथमिकता बन गई है और इस हादसे से सबक लेकर रेलवे ने अपनी नीतियों में बदलाव किए हैं ताकि भविष्य में कोई और हादसा न हो।