पूर्व सपा जिलाध्यक्ष फिरोज खां नजरबंद, सीएम को 14 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन देने की थी तैयारी
रिपोर्टर: एडवोकेट सुरजीत सिंह | सागर और ज्वाला न्यूज
स्थान: सम्भल, उत्तर प्रदेश | दिनांक: 07 अगस्त 2025
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Toggleउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सम्भल दौरे से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एवं सम्भल के पूर्व जिलाध्यक्ष फिरोज खां को पुलिस ने नजरबंद कर दिया। यह कार्रवाई उस समय की गई जब वे अपने समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री को क्षेत्र की समस्याओं को लेकर 14 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपने जा रहे थे।
फिरोज खां को उनके सम्भल स्थित कार्यालय पर ही नजरबंद किया गया, जिससे ज्ञापन सौंपने की योजना प्रभावित हो गई। बावजूद इसके, समाजवादी पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने सम्भल के क्षेत्राधिकारी आईपीएस आलोक कुमार भाटी को उक्त ज्ञापन सौंपा, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित किया गया था।
ज्ञापन की प्रमुख मांगें
ज्ञापन में जनपद की कई ज्वलंत समस्याओं के समाधान की माँग की गई है। इनमें निम्नलिखित प्रमुख बिंदु शामिल हैं:
1. सम्भल शहर में जिला मुख्यालय स्थापित करने की माँग — सुझाव दिया गया कि सम्भल शहर की 5 किमी परिधि में मुख्यालय बने, जिससे असमोली, सिरसी और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को प्रशासनिक सुविधाएं प्राप्त हो सकें।
2. सरकारी स्कूलों और प्राथमिक पाठशालाओं को बंद करने के आदेश को रद्द किया जाए — सपा नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि यह आदेश वापस नहीं लिया गया, तो समाजवादी पार्टी “पीडीए पाठशाला” के नाम से स्वयंशिक्षा अभियान चलाएगी और बच्चों को पढ़ाने का कार्य आरंभ करेगी।
3. जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की माँग।
4. सम्भल के किसानों को बेहतर समर्थन मूल्य और सिंचाई की सुविधाएं प्रदान करने की अपेक्षा।
5. नौजवानों के लिए रोजगार की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु विशेष योजनाएं लाने की अपील।
6. क्षेत्र में पेयजल और सड़कों की स्थिति में सुधार की आवश्यकता।
7. स्थानीय स्तर पर महिला सुरक्षा और स्वावलंबन योजनाओं को गति देने की माँग।
8. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस की जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।
(बाकी बिंदुओं को राज्य सरकार को सौंपे ज्ञापन के साथ सार्वजनिक करने की योजना है)
राजनीतिक प्रतिक्रिया और सियासी संदेश
पूर्व जिलाध्यक्ष फिरोज खां की नजरबंदी को लेकर सपा कार्यकर्ताओं में रोष है। सपा नेताओं का कहना है कि यह लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है और सरकार विपक्ष की आवाज़ को दबाना चाहती है।
वहीं दूसरी ओर, पुलिस प्रशासन का कहना है कि यह सुरक्षा की दृष्टि से एहतियातन कदम था, जिससे मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान कानून व्यवस्था प्रभावित न हो।
ज्ञापन देने के बाद सपा नेताओं ने कहा कि पार्टी जनहित के मुद्दों को हर मंच पर उठाएगी और यदि माँगें नहीं मानी गईं, तो उग्र आंदोलन की रूपरेखा भी तैयार की जाएगी।
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