राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा धर्मांतरण
भारतीय संस्कृति में धर्म की व्याख्या विस्तृत है। यहां अनेक प्रकार के मत संप्रदाय, भाषा,के लोग रहते हैं।
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Toggleभारतीय संविधान अनुच्छेद 25 में प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करना और प्रचार करने की अनुमति प्रदान करता है। परंतु प्रलोभन, भय, बाहुबल, षड्यंत्र द्वारा किया गया धर्मांतरण दंडनीय अपराध है। विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम द्वारा 10 लाख से अधिक जुर्माना और उम्र कैद की सजा प्रावधान है। अवैध धर्मांतरण संविधान और कानून के भावनाओं के विरुद्ध है। भारत की अखंडता और संप्रभुता के साथ षड्यंत्र चल रहा है। भारत में अंग्रेजी हुकूमत के समय ईसाई मिशनरियों ने भी अपने धर्म का प्रचार प्रसार ही लक्ष्य बनाया था। विश्व में ईसाई और इस्लाम पंथ के द्वारा प्रलोभन देकर धर्मांतरण प्रकरण पुराना है।
वर्तमान में भी बड़े स्तर पर धर्म का धंधा बना रहे है। प्रतिदिन धर्मांतरण की अनेक घटनाएं सामने आ रही है। धर्मांतरण के निशाने पर हिंदू ही है। यह सुनियोजित तरीके से अभियान चलाया जा रहा है। क्रिप्टो क्रिश्चियन द्वारा ईसाईनीकरण,और भारत के मुसलमानो द्वारा देश को गजवा ए हिंद के मंसूबों को पूरा करने में लगे हुए है। हाल यूपी में धर्मांतरण के दो मामले सामने आए हैं। अलीगढ़ के धर्मांतरण का सरगना उमर गौतम को जेल भेजा है। जिसका नेटवर्क 5 राज्य में था। उमर के गैंग के 17 लोगों को जेल भेजा है। देश में सर्वाधिक धर्मांतरण करने वाला छांगुर उर्फ जमालुद्दीन जिसने धर्म को ही व्यापार बना दिया। धर्मांतरण प्राइवेट लिमिटेड कंपनी चलाता था। फेरी लगाकर अंगूठी ताबीज छल्ला बेचने वाला जमालुद्दीन 500 करोड़ की संपत्ति का मालिक बन जाता है। साइकिल पर चलने वाला हवाई जहाज से कई देशों की यात्रा करता है। यह समाज के लिए चिंता का विषय है। शासन प्रशासन को अत्यधिक विचारणीय है। हिंदू लड़की और महिलाओं को प्रेम जाल में फंसा कर उनका धर्मांतरण कराता था। जातियों के हिसाब से माल भाव करता था। यह सब करने के लिए 40 देश से 100 करोड़ से अधिक की फंडिंग हुई। गिरोह में 3000 से अधिक लोग सक्रिय हैं। भारत के 22 राज्यों में धर्मांतरण का धंधा चल रहा था। प्रलोभन देकर, लवजिहाद में फसाकर, 1500 से अधिक लड़कियों का धर्मांतरण कराया।
यह अकेले छांगुर के दिमाग की उपज नहीं यह तंत्र माफिया गिरोह जैसा है जिसमें अधिकारियों भी संलिप्त है
छांगुर जैसे छोटे-छोटे मदरसे चलने वाले मौलवी भी विदेश यात्रा करते हैं।
अधिकतर मदरसे,मस्जिदे कुछ ही दिनों में आलीशान बिल्डिंग बनकर खड़े हो जाते हैं। उनके कागजों की नामी बेनामी संपत्तियों की जांच होनी चाहिए।
जमालुद्दीन राष्ट्रीय विरोधी गतिविधियों में शामिल था। देश विदेश की संदिग्ध और प्रतिबंधित संगठनों से संपर्क में था।
दूसरा अवैध धर्मांतरण के सरगना अब्दुल्ला दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया। रहमान मौलाना कलीम सिद्दीकी गैंग का सदस्य था। जो अपने 12 साथियों के साथ अवैध धर्मांतरण में आजीवन कारावास की सजा में है सिद्दीकी के बाद गैंग की कमान अब्दुल रहमान ने संभाली। ग्लोबल पीस सेंटर शाहीन बाग (दिल्ली) की संस्था की आड़ में मतांतरण का नेटवर्क चलाया इसके लिए खाड़ी देश से करोड़ों की फंडिंग आती थी।
कुशीनगर में शहजाद हुसैन नाम बता कर 12 साल की लड़की का मत्तांतरण कर दुष्कर्म किया। शहजाद स्कूल की वैन चलाता था और अपना नाम हिंदू बात कर प्रेम जाल में फसाया। हुसैन फर्जी आधार कार्ड पर लड़की का नाम सोनी खातून और पति के नाम पर अपना नाम दर्ज कराया।
अंबेडकर जिले के अकबरपुर सेंट थॉमस विलियम्स ईस्टर्न चर्च में गरीब परिवारों को प्रार्थना सभा के नाम पर बुलाया। धीरे-धीरे पादरी ने धर्मांतरण का जाल बिछाना शुरू कर दिया। पादरी ने बीमारी से ठीक होने का लालच दिया, गरीबी दूर करने के लिए रुपए का प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराया। ईसाईत का कालनेमी रूप क्रिप्टो क्रिश्चियन है। यह ईसाई पंथ का गुप्त और संस्थागत स्वरूप है जो भारत में सबसे अधिक है। जो विचारधारा से ईसाई हो चुके हैं परंतु सरकारी सुविधाएं और आरक्षण के लिए मूल धर्म में है।
यह अधिकतर जनजातीय समुदाय आदिवासी समुदाय में है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देशभर के आदिवासी प्रतिनिधियों से चर्चा वार्ता की। आदिवासी समुदाय के धर्मांतरण की समस्या की वजहसे भूमि और संस्कृति खतरे में है। आदिवासी संस्कृति और अधिकरो की रक्षा के लिए गंभीरता से विचार करना चाहिए।
डेमोग्राफी (जनसांख्यिकी ) का समीकरण बदलता जा रहा है। हम सभी जानते हैं देश का विभाजन डेमोग्राफी की वजह से हुआ। देश का विभाजन धर्म के नाम पर हुआ। “जहां हिन्दू घटा वहां देश बटा” देश में 6000 तहसीलों में 15 तहसीलों हिंदू विहीन है अधिकतर तहसीलें देश की सीमावर्ती पर है, वही 1000 से अधिक सीमावर्ती गांव में 50% से अधिक मुस्लिम आबादी हो चुकी है। देश के अनेक राज्य की डेमोग्राफी जम्मू कश्मीर में 68% मुस्लिम मिजोरम में 87% ईसाई और अरुणाचल में 40%ईसाई,नागालैंड में 88% ईसाई,लक्षद्वीप में 96% मुस्लिम दक्षिण भारत में 65 ईसाई और मुस्लिम आबादी हो चुकी है।
जिसका कारण धर्मांतरण ओर घुसपैठ है। यह संकट आबादी असंतुलन का है। जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा है यह एक सुनियोजित साजिश ही नहीं बल्कि सामाजिक –राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है।शासन प्रशासन मीडिया धर्माचार्य और प्रत्येक नागरिक को इस सामाजिक छलावे के प्रति जागरूक होकर धर्मांतरण लवजिहाद घुसपैठ जैसे देश विरोधी ताकतों का विध्वंस करना चाहिए। जिससे समृद्ध और सशक्त राष्ट्र का निर्माण हो सके।