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सरफिरे युवकों ने पीएम मोदी, अमित शाह और सीएम योगी पर की अभद्र टिप्पणी

सरफिरे युवकों ने पीएम मोदी, अमित शाह और सीएम योगी पर की अभद्र टिप्पणी — सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल, दो युवक हिरासत में

🖊️ रिपोर्टः शिव प्रताप सिंह | सागर और ज्वाला न्यूज | बदायूं


🔸 “सोशल मीडिया की लापरवाही बनी गिरफ्तारी की वजह — एक वीडियो ने दो युवकों की आज़ादी पर लगा दी रोक”


 बदायूं, 8 अक्टूबर (बुधवार):

जनपद बदायूं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
यह वीडियो देखते ही देखते पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया और प्रशासन हरकत में आ गया।

जानकारी के अनुसार, यह वीडियो कादरचौक निवासी हाशिम पुत्र इसाक द्वारा बनाया गया, जिसमें उसने देश के शीर्ष नेतृत्व पर आपत्तिजनक व अशोभनीय टिप्पणियाँ कीं।
वीडियो के वायरल होते ही पुलिस विभाग सक्रिय हुआ और त्वरित कार्रवाई करते हुए कासिम पुत्र इसाक एवं सोनू पुत्र दिलशाद निवासी कदरचौक को हिरासत में ले लिया गया।


🔹 थाने पर उमड़ी भीड़, प्रशासन अलर्ट

घटना की जानकारी मिलते ही थाना परिसर में भारी भीड़ एकत्रित हो गई।
राष्ट्रीय बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता भी थाने पर पहुंच गए और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे।
मौके पर स्थानीय पत्रकार भी कवरेज हेतु पहुंचे।

पुलिस अधिकारियों ने भीड़ को शांत कराया और बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की जा रही है।
थाना कादरचौक पुलिस ने सोशल मीडिया पर अभद्र भाषा फैलाने और धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने के प्रयास में संलिप्त आरोपियों पर उचित धाराओं में कार्रवाई शुरू कर दी है।


🔹 सोशल मीडिया पर मचा हड़कंप

वीडियो वायरल होते ही जिले में जनाक्रोश फैल गया
लोगों ने इसे देश के नेतृत्व के अपमान के रूप में देखा और सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।
कई लोगों ने लिखा कि —

“देश के नेतृत्व का अपमान सहन नहीं किया जाएगा।”

वहीं, कुछ नागरिकों ने प्रशासन की त्वरित कार्रवाई की सराहना की और कहा कि —

“इस प्रकार की गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई होना आवश्यक है ताकि कोई भी व्यक्ति राष्ट्रविरोधी या अशोभनीय कार्य न करे।”


🔹 प्रशासन का बयान

पुलिस अधीक्षक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, दोनों युवकों से पूछताछ की जा रही है और वीडियो की तकनीकी जांच के लिए साइबर टीम को लगाया गया है।

पुलिस अधीक्षक ने कहा —

“अभद्र भाषा और भड़काऊ सामग्री फैलाने वालों के प्रति कोई रियायत नहीं बरती जाएगी।
कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में कोई भी ऐसा दुस्साहस न करे।”

प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि वे किसी भी तरह की भ्रामक या भड़काऊ पोस्ट को साझा न करें और सामाजिक सौहार्द बनाए रखें


🔹 पुलिस कार्रवाई की संभावित धाराएँ

पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की निम्न धाराओं में कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है —

  • धारा 153A: विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने या सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास।
  • धारा 295A: धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने हेतु जानबूझकर किया गया कार्य।
  • धारा 505(2): समाज में अशांति फैलाने या घृणा उत्पन्न करने वाले वक्तव्य या संदेश।
  • आईटी एक्ट की धारा 67: सोशल मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित करना।

पुलिस ने बताया कि इन धाराओं के अंतर्गत दोषसिद्धि होने पर कठोर दंड का प्रावधान है, जिसमें कारावास और जुर्माना दोनों सम्मिलित हैं


🗣️ सम्पादकीय टिप्पणी

सह संपादक – रुद्र प्रताप सिंह
सागर और ज्वाला

“अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है, लेकिन यह स्वतंत्रता तभी सार्थक है जब इसके साथ जिम्मेदारी भी जुड़ी हो।
किसी भी जननेता, धर्म या समाज विशेष के प्रति अपमानजनक भाषा का प्रयोग केवल वैमनस्य और अराजकता को बढ़ावा देता है।
सोशल मीडिया अभिव्यक्ति का मंच है, अशांति का नहीं — इसलिए हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह शब्दों का चयन सोच-समझकर करे और समाज में सौहार्द की भावना बनाए रखे।”


 

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