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रामपुर रेलवे स्टेशन पर सफाई और सुविधाओं की दुर्दशा, डॉ. पवन कुमार जैन ने जताई गहरी नाराज़गी

रामपुर रेलवे स्टेशन पर सफाई और सुविधाओं की दुर्दशा, डॉ. पवन कुमार जैन ने जताई गहरी नाराज़गी

निरीक्षण में सामने आईं कई गंभीर खामियां — यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा से किया जा रहा समझौता

रामपुर, 1 अगस्त 2025: रामपुर रेलवे स्टेशन की सफाई और आधारभूत सुविधाओं की बदहाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। डिविजनल रेलवे यूजर्स कंसल्टेटिव कमेटी (DRUCC) के सदस्य डॉ. पवन कुमार जैन ने शुक्रवार को जब स्टेशन का औचक निरीक्षण किया, तो उन्हें हर ओर अव्यवस्था और गंदगी का नज़ारा मिला। उन्होंने मौके पर ही अपनी गहरी नाराज़गी जाहिर की और रेलवे प्रशासन से तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने की मांग की।

निरीक्षण के दौरान स्टेशन अधीक्षक आज़म ख़ान भी मौजूद रहे। डॉ. जैन ने स्टेशन के प्रत्येक हिस्से का बारीकी से निरीक्षण किया — वेटिंग रूम से लेकर पेयजल सुविधा, खानपान स्टॉल, सफाई व्यवस्था और “वन जिला, एक उत्पाद” स्टॉल तक — और लगभग हर जगह अव्यवस्थाएं देखीं।

शौचालय और स्नानगृह की स्थिति बेहद खराब

डॉ. जैन ने विशेष रूप से अपर क्लास वेटिंग रूम में जाकर वहां की स्थिति का जायज़ा लिया। उन्होंने बताया कि वेटिंग रूम में स्थित शौचालय और स्नानगृह गंदगी से भरे हुए थे, और वहाँ से उठती दुर्गंध के कारण यात्रियों का वहाँ रुकना भी मुश्किल हो रहा था। उन्होंने इसे स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बताया।

स्टेशन कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि सफाई का काम दिन में नहीं होता, बल्कि सिर्फ रात में एक बार होता है। इससे पूरे दिन गंदगी जमा होती रहती है और यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है।

पेयजल की सुविधा भी बदहाल

डॉ. जैन ने स्टेशन पर मौजूद ड्रिंकिंग वेंडिंग मशीनों और सार्वजनिक नलों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि अधिकांश स्थानों पर गंदगी जमी हुई थी और कुछ जगह पानी की पाइपलाइन से लगातार रिसाव हो रहा था। कई मशीनें या तो खराब थीं या उनमें साफ-सफाई की कोई व्यवस्था नहीं थी।

खानपान स्टॉल बंद, वेंडर बिना यूनिफॉर्म

स्टेशन पर खानपान की सुविधा भी सवालों के घेरे में है। निरीक्षण के दौरान डॉ. जैन ने पाया कि स्टेशन के ज्यादातर खानपान स्टॉल बंद पड़े थे और जो खुले थे, वहाँ कर्मचारी बिना यूनिफॉर्म सेवा दे रहे थे। इससे यात्रियों को खाने-पीने की पर्याप्त सुविधा नहीं मिल पा रही थी और यह भी साफ ज़ाहिर होता है कि वेंडरों पर कोई निगरानी नहीं रखी जा रही।

रिनोवेशन कार्य के नाम पर सुविधाएं ठप

स्टेशन पर चल रहे रिनोवेशन कार्य के चलते भी यात्रियों को तमाम असुविधाएं हो रही हैं। डॉ. जैन ने बताया कि अपर क्लास वेटिंग रूम में एयर कंडीशनर काम नहीं कर रहे थे, जिससे भीषण गर्मी में यात्री बेहाल हो रहे हैं। बैठने की व्यवस्था भी सीमित और असुविधाजनक पाई गई।

एक जिला, एक उत्पाद” योजना की अनदेखी

निरीक्षण के दौरान “वन जिला, एक उत्पाद (ODOP)” स्टॉल भी जांच के दायरे में आया। डॉ. जैन ने बताया कि वहाँ सिर्फ कुछ पैचवर्क कपड़े और कढ़ाईदार वस्त्र रखे थे, जिन पर न तो जिले का नाम था, न रेट टैग, और न ही उत्पाद विवरण। यह योजना प्रधानमंत्री द्वारा आरंभ की गई एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना है, लेकिन यहां उसे पूरी तरह नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।

रेलवे प्रशासन को चेतावनी — जल्द सुधार नहीं हुआ तो मामला पहुंचेगा बोर्ड तक

डॉ. पवन कुमार जैन ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि जल्द ही सुधार नहीं किया गया तो वह इस मुद्दे को रेलवे मंडल कार्यालय के साथ-साथ रेलवे बोर्ड तक उठाएंगे। उन्होंने कहा कि:

“यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा और स्वच्छता के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए। स्टेशन पर व्याप्त अव्यवस्था से यह प्रतीत होता है कि जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय नहीं की जा रही है।”

उन्होंने रेलवे प्रशासन से 24 घंटे में सफाई शेड्यूल लागू करने, पेयजल सुविधा में सुधार, खानपान स्टॉल की नियमित निगरानी और ODOP स्टॉल को नियमानुसार संचालित करने जैसे ठोस कदम उठाने की मांग की।

निष्कर्ष

रामपुर रेलवे स्टेशन जैसे महत्वपूर्ण जंक्शन पर सफाई, सुविधा और नियोजन में यह स्तर की लापरवाही यात्रियों के स्वास्थ्य और सुविधा के साथ सीधा खिलवाड़ है। डॉ. जैन के निरीक्षण ने इन अव्यवस्थाओं को उजागर कर प्रशासन को आईना दिखाया है। अब देखना होगा कि रेलवे प्रशासन इस चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेता है।

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