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राजा का सहसपुर जंक्शन पर मिली राहत | सागर और ज्वाला की खबर पर रेल मंत्रालय का संज्ञान, DRM मुरादाबाद की त्वरित कार्रवाई

राजा का सहसपुर जंक्शन पर मिली राहत | सागर और ज्वाला की खबर पर रेल मंत्रालय का संज्ञान, DRM मुरादाबाद की त्वरित कार्रवाई

सागर और ज्वाला समाचार की रिपोर्ट और डीआरयूसीसी सदस्य डॉ. पवन कुमार जैन की मुहिम पर रेल मंत्रालय ने X पर लिया संज्ञान; DRM मुरादाबाद ने तत्काल कार्य पूरे कराए

मुरादाबाद, 31 August 2025 | सागर और ज्वाला समाचार डेस्क
राजा का सहसपुर जंक्शन पर यात्रियों की बुनियादी समस्याओं को लेकर सागर और ज्वाला समाचार पर प्रकाशित रिपोर्ट और डीआरयूसीसी सदस्य डॉ. पवन कुमार जैन की लगातार पहल का बड़ा असर हुआ है। रेल मंत्रालय ने X (ट्विटर) पर सागर और ज्वाला को सार्वजनिक ट्वीट के माध्यम से जवाब देते हुए संबंधित अधिकारियों को तुरन्त कार्यवाही के निर्देश दिए। इसके बाद DRM मुरादाबाद ने तत्काल प्रभाव से स्टेशन पर सुधार कार्य करवाए।

क्या-क्या बदला—यात्रियों को सीधी राहत

बंद पड़े टॉयलेट के दरवाजे खुलवाए गए और उपयोग के लिए दुरुस्त किए गए।

पानी की टौंटियों की पूरी सफाई कराई गई, पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गई।

प्याऊ (जल-स्टेशन) पर टूटी/घिसी टाइल्स बदलवाई गईं, फर्श/साज-सज्जा को बेहतर किया गया।

इन कदमों से यात्रियों को स्वच्छता, पेयजल और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं में प्रत्यक्ष सुधार महसूस हुआ है।

रेल मंत्रालय का X पर जवाब

रेल मंत्रालय ने X पर सागर और ज्वाला को रिप्लाई कर सूचित किया कि “संबंधित अधिकारी को तुरन्त कार्यवाही हेतु लिखा गया है। DRM मुरादाबाद ने तत्काल कार्य निर्माण करा दिया है।” इस सार्वजनिक प्रतिक्रिया से न केवल मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित हुई, बल्कि यात्रियों में जवाबदेही का भरोसा भी मजबूत हुआ।

डॉ. पवन कुमार जैन ने जताया आभार, रखीं आगे की अपेक्षाएँ

डीआरयूसीसी सदस्य डॉ. पवन कुमार जैन ने रेलवे प्रशासन और DRM मुरादाबाद का आभार व्यक्त करते हुए कहा—
“यह पहल यात्रियों की सुविधा और विश्वास बढ़ाने वाली है। स्टेशन पर स्वच्छ जल और साफ-सुथरे टॉयलेट उपलब्ध होना किसी भी यात्री के लिए बहुत बड़ी राहत है।”
डॉ. जैन ने यह भी अपेक्षा जताई कि भविष्य में प्रतीक्षालय, नियमित साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था और सूचना प्रणाली जैसी अन्य आवश्यक सेवाओं का भी समय-समय पर रखरखाव किया जाए, ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

ग्राउंड इम्पैक्ट: “खबर का असर” मॉडल

यह प्रकरण जनहित पत्रकारिता और संस्थागत जवाबदेही के प्रभावी तालमेल का उदाहरण है:

1. सागर और ज्वाला समाचार ने यात्रियों की समस्याओं को तथ्यात्मक तरीके से उठाया।

2. डॉ. पवन कुमार जैन ने डीआरयूसीसी मंच से लगातार फॉलो-अप किया।

3. रेल मंत्रालय ने X पर त्वरित प्रतिक्रिया देकर फील्ड एक्शन सुनिश्चित कराया।

4. DRM मुरादाबाद ने तुरंत ऑन-ग्राउंड काम कराकर मापनीय सुधार दिए।

साइडबार: एक नज़र में

मुद्दा: शौचालय बंद, टौंटियाँ गंदी/अक्रिय, प्याऊ जर्जर।

कार्रवाई: रेल मंत्रालय का X पर सार्वजनिक संज्ञान; DRM मुरादाबाद की त्वरित मरम्मत/सुधार।

परिणाम: शौचालय चालू, टौंटियाँ साफ, प्याऊ टाइल्स बदलीं—यात्रियों को राहत।

अगला कदम (अपेक्षित): प्रतीक्षालय, रोशनी, सूचना-प्रणाली और स्वच्छता का नियमित रखरखाव।

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