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राजनीतिक गलियारों में चर्चा: मोदी बने ‘राजा विक्रमादित्य’, राहुल हैं ‘वेताल’!

राजनीतिक गलियारों में चर्चा: मोदी बने ‘राजा विक्रमादित्य’, राहुल हैं ‘वेताल’!

राजनीतिक हलकों में इन दिनों एक मज़ेदार चर्चा चल रही है। कहा जा रहा है कि मानो राजा विक्रमादित्य ने नरेंद्र मोदी के रूप में जन्म लिया हो और उनके कंधों पर बैठा ‘वेताल’ कोई और नहीं बल्कि राहुल गांधी हों।
कहानी कुछ यूं है—
जब-जब मोदी जी (राजा विक्रमादित्य) देश को आगे बढ़ाने में व्यस्त होते हैं, तभी राहुल गांधी (वेताल) उनकी पीठ पर चढ़कर अजीबोगरीब सवालों की बौछार कर देते हैं। और जैसे ही मोदी जी उन सवालों का जवाब देते हैं, वेताल गायब हो जाता है… फिर थोड़ी देर बाद किसी नए ‘बेतुके’ सवाल के साथ लौट आता है!

राजनीतिक पंडित कह रहे हैं—“यह किस्सा इतिहास की किताब में नहीं, बल्कि आज की सियासत में लिखा जा रहा है।”

राजनीतिक गलियारों में गूंज: मोदी बने ‘राजा विक्रमादित्य’, राहुल निकले ‘वेताल’!

राजनीतिक हलकों में इन दिनों एक किस्सा जोर-शोर से घूम रहा है, जो सुनने वालों को हंसा-हंसा कर लोटपोट कर देता है। चर्चा यह है कि जैसे पौराणिक कथाओं में राजा विक्रमादित्य अपनी बहादुरी और चतुराई के लिए मशहूर थे, वैसे ही आज के दौर में नरेंद्र मोदी को उसी किरदार का आधुनिक अवतार माना जा रहा है।

अब कहानी में मजा तब आता है जब इसमें प्रवेश करते हैं राहुल गांधी — जिन्हें इस आधुनिक किस्से में ‘वेताल’ की भूमिका में रखा गया है। याद कीजिए, कथाओं में वेताल राजा विक्रम की पीठ पर बैठकर अजीबोगरीब सवाल पूछता था और जब भी जवाब मिल जाता, तो उड़कर गायब हो जाता था… फिर कुछ समय बाद वापस आकर एक नया सवाल लेकर बैठ जाता था।

ठीक वैसा ही, मानो आज की सियासत में भी हो रहा हो! जब-जब मोदी जी देश की गाड़ी तेज़ रफ्तार से आगे बढ़ा रहे होते हैं, राहुल गांधी मानो ‘वेताल मोड’ में आकर उनके कंधों पर सवार हो जाते हैं और सवालों की बौछार शुरू कर देते हैं। सवाल भी ऐसे जो जनता को हंसी में डाल दें और राजनीतिक पंडितों को माथा पकड़ने पर मजबूर कर दें।

और जैसे ही मोदी जी तर्क और तथ्य से जवाब देते हैं, राहुल ‘वेताल स्टाइल’ में गायब हो जाते हैं… फिर थोड़ी देर बाद एक नया ‘मसालेदार’ सवाल लेकर लौट आते हैं।
कहने वाले कह रहे हैं — “ये किस्सा इतिहास की किताब में नहीं, बल्कि आज की राजनीति में लिखा जा रहा है… लाइव टेलीकास्ट के साथ!”

कहानी का सार – सवाल पूछना, जवाब पाना… फिर दोबारा लौटना!

राजनीतिक गलियारों में यह जोक इस समय मीम मेकरों का पसंदीदा विषय बन गया है। अब देखना यह है कि इस ‘विक्रम-वेताल’ की कहानी का अगला अध्याय कब और किस सवाल के साथ शुरू होता है।

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