मुरादाबाद आवास विकास में भ्रष्टाचार का भंडाफोड़
सीमेंट की जगह रेत से चिनाई, पुरानी ईंटों का इस्तेमाल – कॉलोनीवासियों ने पकड़ा घोटाला
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Toggleमुरादाबाद :सागर और ज्वाला न्यूज।आवास विकास परिषद् मुरादाबाद के सेक्टर–9 में चल रहे निर्माण कार्यों में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार और धांधली का खुलासा हुआ है। कॉलोनीवासियों ने मौके पर पहुँचकर ठेकेदारों को रंगे हाथ पकड़ लिया, जब बाउंड्री वॉल और नालियों की चिनाई सीमेंट की जगह रेत से की जा रही थी। सीमेंट सिर्फ दिखावे के लिए रखा गया था, जबकि वास्तविक काम में उसका प्रयोग नहीं हो रहा था।
कॉलोनीवासियों का विरोध, अधिकारियों का लापरवाह रवैया
कॉलोनीवासियों ने जब इस घोटाले की जानकारी दी तो तत्काल मौके पर आवास विकास के ए.ई. और जे.ई. साहब बुलाए गए। दोनों अधिकारियों ने मामले को हल्के में लेते हुए कहा कि “कोई बात नहीं, हम इसे तुड़वाकर दोबारा बनवा देंगे।” सवाल यह उठता है कि जब चोरी और भ्रष्टाचार पकड़ा गया, तभी असली नीयत सामने क्यों आई? क्या काम की गुणवत्ता पर नज़र रखने की जिम्मेदारी इन्हीं अधिकारियों की नहीं थी?
टेंडर की शर्तें टूटीं, पुरानी ईंटों का इस्तेमाल
टेंडर में स्पष्ट शर्त थी कि नई ईंटों का उपयोग किया जाएगा, लेकिन मौके पर पुरानी ईंटों से काम करवाया जा रहा था। कॉलोनीवासी हैरान हैं कि ठेकेदार और अधिकारी मिलकर जनता के पैसों की खुली लूट कर रहे हैं।
रेलिंग और नालियों में भी गड़बड़ी
नाली निर्माण में एक कट्ठा सीमेंट से पूरी लाइन डाल दी गई।
रेलिंग के लिए टेंडर में 28 किलो वजन पास था, लेकिन हकीकत में 18 किलो की रेलिंग लगाई गई। यानी 10 किलो का सीधा घोटाला ठेकेदार और अधिकारियों की जेब में गया।
जनता की आवाज दबाने की कोशिश
जब कॉलोनीवासियों ने ठेकेदारों को रोका, तो ठेकेदारों ने साफ कहा कि “यह सब अधिकारियों के संज्ञान में है, काम इसी तरह चलेगा।” इससे साफ हो गया कि आवास विकास के अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से जनता के पैसों की सीधी लूट की जा रही है।
जे.ई. राहुल की सफाई
जब मामला जे.ई. राहुल के संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने पहले कहा कि “नाली को दोबारा बनवाने को कह दिया है”, लेकिन कुछ ही देर बाद उन्होंने जिम्मेदारी दूसरे जे.ई. पर डाल दी। इससे साफ है कि जिम्मेदारी से बचने और मामले को टालने का प्रयास किया जा रहा है।
जनता की मांग – कड़ी कार्रवाई
कॉलोनीवासी मांग कर रहे हैं कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाए और ठेकेदारों के टेंडर निरस्त किए जाएं। यह जनता के टैक्स के पैसों की खुली लूट है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।