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Maha Kumbh Mela 2025: 144 साल बाद महाकुंभ की दिव्यता, निर्मला सीतारमण और तेजस्वी सूर्या ने किया स्नान

Maha Kumbh Mela 2025: 144 साल बाद महाकुंभ की दिव्यता, निर्मला सीतारमण और तेजस्वी सूर्या ने किया स्नान

Maha Kumbh Mela 2025: दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक आयोजन महाकुंभ 2025 में जहां श्रद्धालुओं की आस्था उमड़ रही है, वहीं इस आयोजन की भव्यता को और बढ़ाने के लिए राजनीतिक हस्तियों की मौजूदगी भी बढ़ रही है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या, केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू और शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे सहित कई बड़े नेता त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान कर इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बने।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया पवित्र स्नान

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने परिवार के साथ प्रयागराज पहुंचीं, जहां उन्होंने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई। स्नान के बाद उन्होंने कहा कि इस सनातन परंपरा के ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बनकर वह बहुत आनंदित और सौभाग्यशाली महसूस कर रही हैं। इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ भी मौजूद थे, जिन्होंने उनका स्वागत किया। निर्मला सीतारमण ने संगम तट पर पूजा-अर्चना की और आध्यात्मिक शांति का अनुभव किया।

तेजस्वी सूर्या बोले – ‘महाकुंभ दुनिया का सबसे भव्य आयोजन’

भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने महाकुंभ में भाग लेने के बाद अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा, “आज मुझे सैकड़ों भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) कार्यकर्ताओं के साथ संगम में स्नान करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यह आयोजन अपने आप में एकता और सामूहिकता का प्रतीक है, जहां देश-विदेश से लाखों लोग एक साथ आकर आध्यात्मिक ऊर्जा से भर जाते हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि यह केवल धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा का गौरवशाली पर्व है, जो पूरी दुनिया को भारत की सनातन आस्था की महानता दिखाता है।

राम मोहन नायडू और श्रीकांत शिंदे ने साझा किए अनुभव

केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू ने इस पवित्र आयोजन को एक अद्भुत अवसर बताया और कहा, “महाकुंभ जैसा आयोजन जीवन में एक बार आता है और इसे कोई भी खोना नहीं चाहेगा। यह एक ऐसा *आध्यात्मिक अनुभव है, जो जीवन भर याद रहेगा।”

वहीं, शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने इसे 144 वर्षों में एक बार मिलने वाला दुर्लभ अवसर बताया। उन्होंने खुद को सौभाग्यशाली मानते हुए कहा, “यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनना मेरे लिए गर्व की बात है।”

महाकुंभ 2025 की भव्यता

महाकुंभ मेला हर 12 वर्षों में आयोजित होता है, लेकिन 144 वर्षों बाद एक महासंयोग बनता है, जब कुछ विशेष योगों के कारण इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। महाकुंभ 2025 में लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान कर मोक्ष प्राप्ति की कामना कर रहे हैं।

सरकार और स्थानीय प्रशासन ने इस आयोजन को और अधिक विशाल और सुव्यवस्थित बनाने के लिए कई तैयारियां की हैं। लाखों की संख्या में श्रद्धालु देश-विदेश से यहां पहुंच रहे हैं, जिससे कुंभ मेले की भव्यता और बढ़ गई है।

राजनीतिक और आध्यात्मिक संगम

महाकुंभ 2025 सिर्फ एक धार्मिक आयोजन ही नहीं, बल्कि राजनीतिक और आध्यात्मिक मेल-मिलाप का भी केंद्र बनता जा रहा है। विभिन्न दलों के नेताओं की इसमें भागीदारी इस बात को दर्शाती है कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति की एकता और अखंडता का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई अन्य बड़े नेता भी महाकुंभ के प्रमुख स्नान पर्वों में शामिल हो सकते हैं। इससे पहले भी कई बड़े संत, राजनेता और प्रसिद्ध हस्तियां महाकुंभ का हिस्सा बन चुकी हैं।

महाकुंभ में विशेष धार्मिक आयोजन

महाकुंभ में हर दिन अखाड़ों की पेशवाई, संतों की प्रवचन सभाएं, गंगा आरती और धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जा रहे हैं। देश-विदेश के साधु-संतों की मौजूदगी इस आयोजन की आध्यात्मिक ऊर्जा को और अधिक बढ़ा रही है।

चार मुख्य शाही स्नान की तिथियां इस प्रकार हैं:

  • पहला शाही स्नान: 14 जनवरी 2025 (मकर संक्रांति)
  • दूसरा शाही स्नान: 29 जनवरी 2025 (पौष पूर्णिमा)
  • तीसरा शाही स्नान: 12 फरवरी 2025 (मौनी अमावस्या)
  • चौथा शाही स्नान: 26 फरवरी 2025 (बसंत पंचमी)

आस्था, संस्कृति और सनातन परंपरा का संगम

महाकुंभ केवल स्नान और पूजन का पर्व नहीं, बल्कि यह भारत की संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक भी है। श्रद्धालु यहां आकर संतों-महात्माओं का सान्निध्य प्राप्त करते हैं, धार्मिक प्रवचनों में भाग लेते हैं और भक्ति के सागर में डूब जाते हैं।

यह आयोजन भारत की सनातन परंपरा का जीवंत उदाहरण है, जो यह दर्शाता है कि भले ही समय बदलता रहे, लेकिन आस्था की शक्ति कभी कम नहीं होती। महाकुंभ 2025 न केवल धार्मिक संगम है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की अखंड धारा को भी दर्शाता है।

महाकुंभ 2025 में कई वीआईपी नेताओं की उपस्थिति ने इस ऐतिहासिक आयोजन को और भी भव्य बना दिया है। निर्मला सीतारमण, तेजस्वी सूर्या, राम मोहन नायडू और श्रीकांत शिंदे जैसे नेता भी संगम में आस्था की डुबकी लगाकर सनातन संस्कृति का सम्मान कर रहे हैं।

महाकुंभ केवल हिंदू आस्था का महापर्व नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर भी है, जो पूरी दुनिया को भारतीय संस्कृति की महानता से परिचित कराता है।

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