झांसी मेडिकल कॉलेज में आग का कहर: 10 नवजात जिंदा जले, प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल!
प्रशासन की प्रतिक्रिया मुख्यमंत्री योगी ने 12 घंटे में मांगी रिपोर्ट
घटना का सारांश
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात करीब 9:30 बजे SNCU (स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट) में आग लग गई। इस हादसे में 10 नवजात बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। SNCU में कुल 54 बच्चे भर्ती थे, जिनमें से 39 को समय रहते बचा लिया गया, जबकि 7 बच्चे झुलस गए हैं और उनका इलाज चल रहा है। प्रारंभिक जांच में आग का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है।
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Toggleघटनास्थल का विवरण
SNCU वार्ड में अत्यंत नाजुक स्थिति वाले नवजात बच्चों को रखा जाता है। यहां 54 बच्चे ऑक्सीजन सपोर्ट और अन्य चिकित्सकीय उपकरणों पर थे। आग लगने के तुरंत बाद वहां धुआं फैल गया, जिससे कई बच्चे दम घुटने और जलने की चपेट में आ गए। घटनास्थल पर उपस्थित स्टाफ ने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन स्थिति गंभीर हो गई और फायर ब्रिगेड को बुलाना पड़ा।
बचाव कार्य
फायर ब्रिगेड ने तुरंत मौके पर पहुंचकर आग बुझाई। 39 बच्चों को बचाने के लिए खिड़कियां तोड़ी गईं और उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला गया। झुलसे हुए बच्चों का इलाज अस्पताल में जारी है। बचाव कार्य में मेडिकल स्टाफ और स्थानीय लोगों की मदद ली गई।
प्रशासन की प्रतिक्रिया मुख्यमंत्री योगी ने 12 घंटे में मांगी रिपोर्ट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए। उन्होंने पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। स्वास्थ्य विभाग ने एक जांच कमेटी का गठन किया है, जो इस हादसे के पीछे की असल वजह का पता लगाएगी। उत्तर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीएम झांसी से घटना से सम्बंधित सभी जानकारी कि रिपोर्ट 12 घंटे में मांगी है. उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक एवं प्रमुख सचिव स्वास्थ्य विभाग भी झांसी के लिए निकल चुके है. उक्त घटनाक्रम में मेडिकल कॉलेज में मरीजो को मिलने वाली सुविधाओं पर भी सवाल खड़ा किया गया है।
मुआवजे की घोषणा
सरकार ने मृतक बच्चों के परिवारों को वित्तीय सहायता के तौर पर 5 लाख रुपये देने की घोषणा की है। इसके साथ ही झुलसे हुए बच्चों के इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी।
सुरक्षा उपायों पर सवाल
इस हादसे ने मेडिकल कॉलेज के सुरक्षा प्रोटोकॉल पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अस्पताल में फायर अलार्म सिस्टम और अन्य सुरक्षा उपाय नदारद थे। SNCU जैसे संवेदनशील वार्ड में सुरक्षा उपायों की कमी को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की।
2. विपक्षी दलों ने इस घटना को प्रशासनिक लापरवाही बताया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
3. सोशल मीडिया पर लोग अस्पताल प्रशासन और राज्य सरकार की आलोचना कर रहे हैं।
जांच की दिशा
शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट को आग लगने की वजह बताया जा रहा है। हालांकि, यह सवाल बना हुआ है कि SNCU में बिजली के उपकरणों का मेंटेनेंस सही तरीके से क्यों नहीं किया गया। जांच कमेटी इन सभी पहलुओं की गहराई से जांच करेगी।
अस्पताल प्रबंधन की स्थिति
अस्पताल प्रशासन ने घटना के बाद स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा उपायों की कमी और समय पर उचित कार्रवाई न करने के कारण उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।