संवेदना स्कूल में अंतरविद्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन
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Toggleसंवेदना स्कूल में गूंजे तकनीकी तर्क – अंतरविद्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता संपन्न
👉 “स्मार्ट या अधिक निर्भर: तकनीकी दुविधा” विषय पर छात्रों ने रखे पक्ष-विपक्ष के विचार, विजेताओं को मिला सम्मान
👉 AI के फायदे और नुकसान पर भिड़े तर्क – संवेदना स्कूल बना बहस का मंच
👉 वाद-विवाद में छात्रों ने बताया कि तकनीक हमारी ताकत भी है और कमजोरी भी, विजेताओं को पुरस्कार से नवाज़ा गया
👉 प्रथम स्थान टाइनी टॉड स्कूल के अकबर ने जीता, मुख्य अतिथियों ने बच्चों की प्रतिभा को सराहा
मुरादाबाद। सागर और ज्वाला न्यूज।
संवेदना स्कूल में आज अंतरविद्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का विषय “स्मार्ट या अधिक निर्भर – तकनीकी दुविधा” रखा गया, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के लाभों के साथ-साथ उसकी चुनौतियों और दुष्परिणामों से भी अवगत कराना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और मां सरस्वती की वंदना के साथ हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर डॉ. सुधीर अरोड़ा (महाराजा हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज), प्रोफेसर डॉ. अर्चना राठौड़ (DAK डिग्री कॉलेज), प्रोफेसर डॉ. सुगंधा अग्रवाल (MIT कॉलेज मुरादाबाद) तथा विद्यालय की निदेशिका मेजर डॉ. मीनू मेहरोत्रा उपस्थित रहीं।
अतिथियों के विचार
डॉ. सुधीर अरोड़ा ने बच्चों की रचनात्मकता और समस्या-समाधान क्षमता की सराहना करते हुए कहा कि “यदि हम अपनी समस्याएं बच्चों के साथ साझा करें, तो अक्सर उनके पास हमारे लिए जीनियस समाधान होते हैं।” उन्होंने संवेदना स्कूल के नाम को सार्थक बताते हुए विद्यालय की सकारात्मक पहल की प्रशंसा की।
डॉ. अर्चना राठौड़ ने विद्यार्थियों की प्रभावशाली वक्तृत्व कला पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
डॉ. सुगंधा अग्रवाल ने कहा कि संवेदना स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थी भाग्यशाली हैं। उन्होंने जोड़ा कि “ज्ञान होना एक बात है, लेकिन उसका सही दिशा में उपयोग करना सबसे बड़ी बुद्धिमानी है।”
मेजर डॉ. मीनू मेहरोत्रा ने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वाद-विवाद केवल प्रतियोगिता नहीं बल्कि एक ऐसी कला है जो व्यक्तित्व को निखारती है और विचारों को स्पष्ट रूप से रखने का अवसर प्रदान करती है।
प्रतियोगिता की झलक
वाद-विवाद में प्रतिभागियों ने विषय के पक्ष और विपक्ष में तर्क प्रस्तुत किए।
पक्ष में बोलने वाले छात्रों ने एआई को शिक्षा और भविष्य की तैयारी में सहायक बताया।
विपक्ष में बोलने वालों ने चेताया कि तकनीक पर अत्यधिक निर्भरता हमारी स्वतंत्र सोचने की क्षमता को कमजोर कर सकती है।
प्रतियोगिता में टाइनी टॉड स्कूल, NPS, सेंट मैरी, रानी प्रीतम कंवर स्कूल, गोल्डन गेट ग्लोबल स्कूल, ग्रीन मीडोज, चित्रगुप्त इंटर कॉलेज, संवेदना स्कूल, RSD एकेडमी, SS चिल्ड्रन अकादमी, एशियन पब्लिक स्कूल समेत अनेक विद्यालयों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
विजेता छात्र
प्रथम स्थान – अकबर (टाइनी टॉड स्कूल)
द्वितीय स्थान – काव्या जोशी (संवेदना स्कूल)
तृतीय स्थान – अक्षिता (NPS)
सांत्वना पुरस्कार – आमना, अलीजा, तनीषी आदि।
सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र और पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया।
आयोजन का समापन
कार्यक्रम का संचालन मैम पलक ने किया। आभार ज्ञापन करते हुए विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती श्रुति गुप्ता ने सभी प्रतिभागियों और विद्यालयों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए अनिवार्य हैं और संवेदना स्कूल भविष्य में भी इसी प्रकार के रचनात्मक कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा।
कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षिकाएँ – सलोनी, सम्पदा, रजनी, मुस्कान, सना, जैनब, एल्मा, दीक्षिका, मानसी आदि का विशेष योगदान रहा।