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Pariksha Pe Charcha में टेक्नोलॉजी और फाइनेंस पर छात्रों को दी गई महत्वपूर्ण सलाह

Pariksha Pe Charcha में टेक्नोलॉजी और फाइनेंस पर छात्रों को दी गई महत्वपूर्ण सलाह

इस साल Pariksha Pe Charcha कार्यक्रम को एक नए अंदाज में प्रस्तुत किया गया है। इस बार, विभिन्न एपिसोड के जरिए छात्रों को विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न विषयों पर सलाह दी जा रही है। अब तक दो एपिसोड प्रसारित हो चुके हैं, जिनमें से पहले एपिसोड में छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी गई थी। इस एपिसोड में दीपिका पादुकोण ने छात्रों से मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा की थी और उन्हें मानसिक संतुलन बनाए रखने के तरीके बताए थे। अब, इस बार के एपिसोड में टेक्नोलॉजी और फाइनेंस के विषय पर चर्चा की गई और इस पर विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण टिप्स दिए गए।

टेक्निकल गुरुजी ने दी टेक्नोलॉजी पर अहम सलाह

आज के एपिसोड में, टेक्निकल गुरुजी और एडलवाइज म्यूचुअल फंड की एमडी और सीईओ राधिका गुप्ता ने छात्रों से टेक्नोलॉजी और फाइनेंस के बारे में महत्वपूर्ण टिप्स साझा की। कार्यक्रम के दौरान, टेक्निकल गुरुजी ने टेक्नोलॉजी के सकारात्मक प्रभाव पर बात की और कहा, “टेक्नोलॉजी हमारे जीवन को बहुत आसान बनाती है, लेकिन हमें इसका जरूरत से ज्यादा निर्भर नहीं होना चाहिए। आजकल AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का काफी ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन यह हमारी क्रिएटिविटी को भी छीन सकता है। मैं AI का इस्तेमाल एक टूल की तरह करूंगा, लेकिन अगर मैं इसे हर काम में इस्तेमाल करूंगा तो मेरी क्रिएटिविटी कहां जाएगी?”

उन्होंने यह भी कहा कि टेक्नोलॉजी को अपनी ज़िंदगी से थोड़ा अलग रखना जरूरी है, ताकि हम अपने जीवन का पूरा अनुभव कर सकें। टेक्निकल गुरुजी ने छात्रों से यह आग्रह किया कि वे टेक्नोलॉजी का सही तरीके से इस्तेमाल करें, लेकिन उससे खुद को पूरी तरह से मुक्त भी रखें।

राधिका गुप्ता की सलाह: टेक्नोलॉजी को अपना मालिक नहीं बनने दें

राधिका गुप्ता ने भी छात्रों को टेक्नोलॉजी के उपयोग पर अहम सुझाव दिए। उन्होंने कहा, “मैं नहीं चाहती कि टेक्नोलॉजी मेरी मालिक बने। मुझे लेखन का शौक है, मुझे शब्दों के साथ खेलना अच्छा लगता है, इसलिए मैं नहीं चाहती कि AI मेरे लिए 800 शब्दों का निबंध लिखे। मुझे यह खुद करना पसंद है क्योंकि इससे मेरी मानसिक क्षमता और तेज़ होगी।”

राधिका ने यह भी कहा कि टेक्नोलॉजी एक सहायक उपकरण हो सकता है, लेकिन यह हमें हमारी खुद की क्षमताओं से मुक्त नहीं कर सकता। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे टेक्नोलॉजी का उपयोग तो करें, लेकिन उसे अपनी रचनात्मकता और सोच पर हावी न होने दें।

AI की गलतियों के लिए कौन जिम्मेदार होगा?

कार्यक्रम के दौरान, एक छात्र ने सवाल पूछा कि अगर AI कोई गलती करता है, तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी? इस सवाल का जवाब देते हुए, टेक्निकल गुरुजी ने कहा, “आपको यह समझना चाहिए कि AI आपके सहायक की तरह है जो सारा काम कर सकता है और आपको इसके लिए कोई वेतन भी नहीं देना पड़ता। आपको केवल उतना काम देना चाहिए, जिसे करने में कोई बड़ी गलती होने पर ज्यादा नुकसान न हो। AI के कामों को इस तरह से सीमित करें कि आप खुद जिम्मेदार रहें और अगर कोई समस्या आती है तो उसे संभाल सकें।”

उन्होंने आगे कहा कि AI को हम अपने सहायक की तरह उपयोग करें, लेकिन अंतिम निर्णय हमें खुद ही लेना होगा। उन्होंने छात्रों को यह सलाह दी कि किसी भी काम को करने से पहले हमें AI से प्राप्त जानकारी पर विचार जरूर करना चाहिए, लेकिन निर्णय लेने की जिम्मेदारी हमें खुद की ही होनी चाहिए।

राधिका गुप्ता ने भी AI पर दिया अपना दृष्टिकोण

AI और उसकी जिम्मेदारी पर राधिका गुप्ता ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, “AI शायद यह बता सकता है कि आपको विज्ञान और कला के बीच में कौन सी विषय को चुनना चाहिए, या कौन सी जानकारी आपकी मदद कर सकती है। AI आपको ऐसे निर्णय लेने के लिए कारक दे सकता है, लेकिन अंतिम निर्णय आपको ही करना होगा।”

राधिका ने यह भी स्पष्ट किया कि AI केवल मार्गदर्शन देने का काम कर सकता है, लेकिन जो निर्णय हम लेते हैं, वह हमारे अनुभव और सोच से जुड़े होते हैं। छात्रों को यह समझने की जरूरत है कि टेक्नोलॉजी के साथ रहते हुए हमें अपनी बुद्धिमत्ता का भी पूरी तरह से उपयोग करना चाहिए।

परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में टेक्नोलॉजी और फाइनेंस पर चर्चा के दौरान यह बात साफ हो गई कि टेक्नोलॉजी हमारी मदद करने के लिए है, लेकिन हमें इसका सही तरीके से उपयोग करना आना चाहिए। टेक्नोलॉजी से हमारी रचनात्मकता, सोच और मानसिक क्षमता पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़े, इसके लिए हमें अपनी सीमाएं तय करनी होंगी।

टेक्नोलॉजी के बिना आजकल का जीवन अधूरा सा लगता है, लेकिन इसे पूरी तरह से अपने जीवन का हिस्सा बनाने से हमारी सोच और विचार करने की क्षमता पर असर पड़ सकता है। यह कार्यक्रम छात्रों को यह समझाने का एक अच्छा तरीका है कि टेक्नोलॉजी का उपयोग करते समय हम अपनी क्षमता और रचनात्मकता को बनाए रखें और उसे ज्यादा हावी न होने दें।

चाहे वह टेक्नोलॉजी का उपयोग हो या फाइनेंस की दुनिया में कदम रखना, हमें हमेशा अपनी सोच और निर्णय को मजबूत बनाना चाहिए। ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम का यह एपिसोड छात्रों के लिए एक प्रेरणा है, ताकि वे अपनी रचनात्मकता को बनाए रखते हुए टेक्नोलॉजी का सही तरीके से उपयोग करें और अपने जीवन को और भी बेहतर बना सकें।

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