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Delhi Assembly का पहला सत्र 24 फरवरी से, CAG रिपोर्ट होगी पेश, नई सरकार का कार्यभार वितरण

Delhi Assembly का पहला सत्र 24 फरवरी से, CAG रिपोर्ट होगी पेश, नई सरकार का कार्यभार वितरण

Delhi  में बीजेपी की सरकार, जिसकी अगुवाई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा की जा रही है, अब पूरी तरह से क्रियाशील हो चुकी है। दिल्ली की जनता से किए गए वादों को पूरा करने और पिछली सरकार की कमियों को सुधारने के लिए तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं। इस बीच, दिल्ली विधानसभा के पहले सत्र की तिथि भी आ चुकी है। दिल्ली विधानसभा का पहला सत्र 24 फरवरी से 27 फरवरी तक चलेगा।

CAG रिपोर्ट होगी पेश

दिल्ली विधानसभा के पहले सत्र के दौरान, 24 फरवरी से शुरू होने वाले सत्र में लंबित CAG (कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) रिपोर्ट पेश की जाएगी। सरकारी अधिकारियों के अनुसार, यह सत्र 24, 25 और 27 फरवरी को आयोजित होगा और इसमें पिछली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार से संबंधित 14 लंबित CAG रिपोर्टों को सदन में पेश किया जाएगा। 24-25 फरवरी को विधायक शपथ लेंगे, और शिवरात्रि की छुट्टी के बाद 26 फरवरी को भाजपा सरकार CAG रिपोर्ट पेश करेगी।

इससे पहले, आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के दौरान, भाजपा ने अदालत से अपील की थी कि सरकार को CAG रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाए। भाजपा ने आरोप लगाया था कि AAP सरकार रिपोर्ट को दबाकर अपनी “भ्रष्टाचार” को छुपाने की कोशिश कर रही थी। अब, विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के बाद, भाजपा ने दिल्ली में नई सरकार बनाई है, जिसमें विधानसभा में 48 विधायक हैं, जबकि विपक्षी आम आदमी पार्टी के पास 22 विधायक हैं।

विभागों का वितरण

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने गुरुवार की शाम को मंत्रिपरिषद के सदस्यों के बीच विभागों का वितरण भी कर दिया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने पास वित्त, सेवाएं, सतर्कता, राजस्व, महिला और बाल विकास विभागों को रखा है। मुख्यमंत्री के पास कुल 10 विभाग हैं, जो सभी मंत्रियों में सबसे अधिक हैं। उनके पास सामान्य प्रशासन विभाग, भूमि और भवन, सूचना और जनसंपर्क और प्रशासनिक सुधार विभाग भी हैं।

Delhi Assembly का पहला सत्र 24 फरवरी से, CAG रिपोर्ट होगी पेश, नई सरकार का कार्यभार वितरण

प्रवेश वर्मा को लोक निर्माण विभाग (PWD), पानी, विधायी मामले, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण और गुरुद्वारा मामले का कार्यभार सौंपा गया है। वहीं, आशीष सूद को गृह, बिजली, शहरी विकास और शिक्षा विभाग सौंपे गए हैं। कपिल मिश्रा को कानून और न्याय, श्रम और रोजगार, कला, संस्कृति, भाषा और पर्यटन विभाग दिए गए हैं। मंजींद्र सिंह सिरसा को उद्योग, वन और पर्यावरण, और खाद्य आपूर्ति विभाग का कार्यभार सौंपा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंकज सिंह को स्वास्थ्य, परिवहन और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि रविंद्र इंद्राज को सामाजिक कल्याण, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण, सहकारिता विभाग का कार्यभार सौंपा गया है।

नई सरकार की दिशा और प्राथमिकताएं

दिल्ली में बीजेपी द्वारा सरकार बनाने के बाद, रेखा गुप्ता के नेतृत्व में सरकार ने अपनी प्राथमिकताएं निर्धारित कर दी हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपनी सरकार के पहले कदम के तौर पर दिल्ली की आम जनता से किए गए वादों को प्राथमिकता देने की बात की है। उनके अनुसार, पिछली सरकार के कार्यकाल में कई कमियां रही हैं, जिन्हें ठीक करना अब उनकी सरकार की जिम्मेदारी है।

इसके अलावा, एक और बड़ा कदम जो बीजेपी सरकार उठाने जा रही है, वह है पिछली आम आदमी पार्टी सरकार के कार्यों की समीक्षा करना। CAG रिपोर्ट में यह साफ़ करने की कोशिश की जाएगी कि पिछली सरकार ने किस तरह के वित्तीय फैसले लिए थे और क्या वे पारदर्शिता और भ्रष्टाचार से मुक्त थे या नहीं।

विपक्ष की भूमिका और प्रतिक्रिया

जहां एक ओर भाजपा अपनी नई सरकार के कार्यों को लेकर आश्वस्त है, वहीं विपक्षी आम आदमी पार्टी ने इस नए कदम को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। AAP ने आरोप लगाया है कि बीजेपी सत्ता में आते ही अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए CAG रिपोर्ट का उपयोग कर रही है। पार्टी ने कहा कि भाजपा का मुख्य उद्देश्य दिल्ली की जनता को भ्रमित करना और अपनी राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन करना है।

AAP के नेताओं ने यह भी कहा है कि वे विधानसभा में सरकार द्वारा पेश किए गए CAG रिपोर्ट का पूरी तरह से विरोध करेंगे। उनका कहना है कि यह रिपोर्ट पूरी तरह से एकतरफा और पक्षपाती हो सकती है, जिसे बीजेपी अपनी राजनीतिक लड़ाई के लिए इस्तेमाल कर सकती है।

भविष्य की दिशा

दिल्ली विधानसभा के पहले सत्र में CAG रिपोर्ट की प्रस्तुति और विभागों के वितरण के बाद, दिल्ली की राजनीति में एक नई दिशा देखने को मिलेगी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उनकी मंत्रिपरिषद अब दिल्ली के विकास के लिए कई योजनाओं पर काम करने की तैयारी में हैं। इसके साथ ही, विपक्षी दलों के साथ उनकी टकराव की स्थिति भी बनी रहेगी, जिससे आगामी दिनों में विधानसभा में और भी तीव्र बहस होने की संभावना है।

बीजेपी की सरकार ने पहले ही अपने राजनीतिक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं, और अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में उनकी नीतियाँ और फैसले दिल्ली के विकास के लिए किस हद तक प्रभावी साबित होते हैं।

दिल्ली विधानसभा का यह पहला सत्र न केवल दिल्ली के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, बल्कि यह आने वाले दिनों में दिल्ली सरकार के कार्यकाल की दिशा भी निर्धारित करेगा। बीजेपी सरकार ने पहले ही CAG रिपोर्ट पेश करने का फैसला किया है, जो पिछली सरकार के कार्यों की जांच का पहला कदम होगा। अब यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में दिल्ली की राजनीति में और क्या मोड़ आते हैं और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता अपनी सरकार के वादों को किस प्रकार पूरा करती हैं।

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