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भीषण गर्मी ने बिगाड़ा जनजीवन: तपिश से उबल रहा है उत्तर भारत, स्वास्थ्य और जन-सुविधाएं बेहाल 

 


 

 भीषण गर्मी ने बिगाड़ा जनजीवन: तपिश से उबल रहा है उत्तर भारत, स्वास्थ्य और जन-सुविधाएं बेहाल

रिपोर्ट: सागर और ज्वाला न्यूज़ | अपडेटेड: 11 जून 2025


 

मुरादाबाद/लखनऊ/दिल्ली – उत्तर भारत में जून की झुलसाती धूप और लगातार बढ़ते तापमान ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई शहरों में पारा 46 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है, जिससे स्कूल, दफ्तर, बाजार और यहां तक कि अस्पताल भी गर्मी के प्रकोप से बेहाल नजर आ रहे हैं।

 

🌡 तापमान ने तोड़े रिकॉर्ड

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, इस बार उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में पिछले 10 वर्षों का तापमान रिकॉर्ड टूट चुका है। मुरादाबाद में अधिकतम तापमान 46.2°C दर्ज किया गया, जबकि लखनऊ और आगरा जैसे शहरों में तापमान 45°C से ऊपर बना हुआ है।

 

😓 सड़कें सुनसान, बाजार वीरान

तेज लू के चलते दोपहर के समय सड़कें सुनसान दिखाई देती हैं। बाजारों में ग्राहक न के बराबर पहुंच रहे हैं, जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान हो रहा है। ऑटो और रिक्शा चालकों की कमाई भी प्रभावित हो रही है।

 

🏥 स्वास्थ्य पर भारी असर

गर्मी के कारण अस्पतालों में हीट-स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और लू लगने के मामले तेजी से बढ़े हैं। सरकारी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ लगातार बढ़ रही है। डॉक्टरों का कहना है कि बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

 

🚱 पानी और बिजली की किल्लत

तेज गर्मी के चलते पानी की मांग बढ़ गई है, लेकिन आपूर्ति में भारी कमी है। ग्रामीण क्षेत्रों में हैंडपंप सूखने लगे हैं और शहरों में जल आपूर्ति समय से पहले समाप्त हो रही है। वहीं बिजली की लगातार ट्रिपिंग से इन्वर्टर भी जवाब देने लगे हैं।

 

🌬 लू से बचाव के लिए प्रशासन की अपील

स्थानीय प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक घर से बाहर न निकलें। स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित कर दिए गए हैं और कई कार्यालयों में वर्क फ्रॉम होम की अनुमति दी गई है।

 

🍉 खानपान में बदलाव की सलाह

चिकित्सकों ने लोगों को अधिक से अधिक पानी, नींबू-पानी, शिकंजी, नारियल पानी और फलों का सेवन करने की सलाह दी है। तेल-मसाले वाले भोजन से परहेज़ करने और हल्के कपड़े पहनने की भी हिदायत दी गई है।

 

💬 लोगों की जुबानी

इंद्रजीत कुमार, एक फल विक्रेता का कहना है – “दोपहर में कोई बाहर नहीं निकलता। आमतौर पर भीड़ रहती थी, लेकिन अब पूरा दिन सुस्ती सी रहती है।”

 

आरती शर्मा, एक गृहिणी कहती हैं – “बिजली हर दो घंटे में चली जाती है। कूलर पंखा सब बंद हो जाता है, बच्चों की हालत खराब है।”

 

🔮 आगे क्या?

मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले एक सप्ताह तक गर्मी से राहत की उम्मीद नहीं है। कुछ क्षेत्रों में हल्की बूंदाबांदी संभव है, परंतु व्यापक वर्षा फिलहाल नहीं दिख रही।


 

निष्कर्ष

गर्मी से मुकाबला करना अब सिर्फ प्राकृतिक नहीं, बल्कि प्रशासनिक चुनौती बन चुका है। ऐसे में जन-भागीदारी और सजगता ही एकमात्र उपाय है जिससे इस तपिश के तूफ़ान को झेला जा सकता है।


 

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