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गांवों में ड्रोन की दहशत से ग्रामीणों में दहशत, रात-रात भर जाग कर बिता रहे हैं लोग

गांवों में ड्रोन की दहशत से ग्रामीणों में दहशत, रात-रात भर जाग कर बिता रहे हैं लोग

प्रश्न यह नहीं कि ड्रोन उड़ रहा है, प्रश्न यह है कि क्या डर फिर से लौट रहा है?

📍 मुरादाबाद: (बिलारी सागर और ज्वाला न्यूज)
🗓️ तारीख: 26 जुलाई 2025

गांवों में उड़ते अनजान ड्रोन बने दहशत का कारण, ग्रामीणों की नींद छीन ले गए

मुरादाबाद:सागर और ज्वाला न्यूज।हाल के दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में रात के समय उड़ते हुए अनजान ड्रोन देखे जाने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। इन रहस्यमयी ड्रोन की गतिविधियों से ग्रामीणों में भय और असुरक्षा की भावना बढ़ गई है। कुछ स्थानों पर ग्रामीणों ने रात-रात भर जागकर पहरा देना शुरू कर दिया है, वहीं कुछ जगहों पर महिलाएं और बच्चे मानसिक रूप से बेहद व्यथित हैं।

कई गांवों में दिखाई दिए ड्रोन, कोई ठोस जानकारी नहीं

ग्रामीणों का कहना है कि ये ड्रोन आमतौर पर देर रात या भोर के समय उड़ते दिखाई देते हैं। इनकी आवाज़ बेहद साफ़ सुनाई देती है और ये अक्सर गांव की आबादी के ऊपर मंडराते हैं। कई लोगों ने मोबाइल से वीडियो भी बनाए, लेकिन इनकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।

स्थानीय प्रशासन मौन, पुलिस ने जांच का आश्वासन दिया

जब ग्रामीणों ने स्थानीय पुलिस व प्रशासन को सूचित किया, तो शुरुआत में इसे अफवाह कहकर नजरअंदाज कर दिया गया। लेकिन जब कई गांवों से लगातार थाना एवं तहसील दिवस पर ऐसी शिकायतें आने लगीं, तो पुलिस ने जांच का आश्वासन दिया है। हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये ड्रोन किसने और क्यों भेजे हैं।

ग्रामीणों की चिंता: कहीं चोरी या जासूसी के उद्देश्य से तो नहीं?

ग्रामीणों का अंदेशा है कि इन ड्रोन का प्रयोग जासूसी या आपराधिक गतिविधियों की योजना के तहत किया जा रहा हो। खेतों, घरों और महिलाओं की गतिविधियों की निगरानी के संदेह भी सामने आ रहे हैं। कई लोग इसे चोरी की पूर्व योजना के रूप में भी देख रहे हैं।

ग्रामीण क्षेत्र में प्रशासन से सुरक्षा की मांग

ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इन घटनाओं की गंभीरता से जांच कराई जाए और ड्रोन उड़ाने वालों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, रात के समय पुलिस गश्त बढ़ाई जाए ताकि लोग चैन की नींद सो सकें।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

ड्रोन विशेषज्ञों के अनुसार, यदि बिना अनुमति के कोई ड्रोन ग्रामीण क्षेत्रों में उड़ रहा है, तो यह नागरिक उड्डयन नियमों का उल्लंघन है। ऐसी स्थिति में DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) को सूचित कर कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए।

क्या उत्तर प्रदेश फिर भय और आतंक की छाया में लौट रहा है?

ड्रोन की दहशत से घिरे ग्रामीणों की पीड़ा पर विशेष विचार

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश ने कानून व्यवस्था को सख्ती से लागू कर भय और आतंक से लोगों को काफी हद तक राहत दी है। गुंडाराज और माफियाराज को समाप्त करने के प्रयासों की सराहना पूरे देश में हुई। लेकिन अब जब प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में रातों-रात उड़ते ड्रोन की घटनाएं सामने आ रही हैं, तो एक बार फिर लोगों के मन में भय और असुरक्षा की भावना गहराने लगी है।

क्या यह नये प्रकार का “आधुनिक आतंक” है?

ड्रोन एक तकनीकी उपकरण है, जिसका उपयोग खेती, निगरानी और डिलीवरी जैसे कामों में होता है। लेकिन जब ये बिना अनुमति, रहस्यमयी ढंग से गांवों के ऊपर उड़ते हैं, तो यह एक गंभीर चिंता का विषय बन जाता है। ग्रामीण न तो इनकी पहचान कर पा रहे हैं और न ही इनकी मंशा को समझ पा रहे हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है — क्या यह तकनीक अब आतंक का नया रूप बन चुकी है?

ग्रामीणों की नींद छिनी, भय का वातावरण

ग्रामीणों के लिए यह परिस्थिति असामान्य है। जहां पहले लोग खेतों में चैन से काम करते थे और रात में बेफिक्र होकर सोते थे, वहीं अब वे रात-रात भर जागकर पहरा दे रहे हैं। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा मानसिक तनाव में हैं।

प्रशासन की भूमिका और अपेक्षाएं

योगी सरकार ने प्रदेश को माफिया मुक्त, दंगामुक्त और कानून व्यवस्था से सुदृढ़ बनाने में ऐतिहासिक पहल की है। लेकिन यदि इस ड्रोन संकट को नजरअंदाज किया गया, तो यह शासन के प्रति जनता के विश्वास को प्रभावित कर सकता है।

आज आवश्यकता इस बात की है कि:

इन ड्रोन की पहचान और स्रोत का तुरंत पता लगाया जाए।

नागरिक उड्डयन व पुलिस विभाग संयुक्त रूप से इस मामले की जांच करें।

ड्रोन उड़ा रहे व्यक्तियों या समूहों पर कानूनी कार्यवाही की जाए।

ग्रामीणों को सुरक्षा का भरोसा दिया जाए।

निष्कर्ष:

उत्तर प्रदेश को भयमुक्त बनाने का जो अभियान चलाया गया, वह अब एक और चुनौती के सामने खड़ा है — आधुनिक तकनीक के माध्यम से फैल रहा “अदृश्य डर”। यदि शासन और प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई नहीं की, तो यह डर आतंक में बदल सकता है और प्रदेश की “सुरक्षित छवि” को धूमिल कर सकता है।
गांवों में रहस्यमयी ड्रोन उड़ानों से उपजा डर प्रशासन के लिए एक नई चुनौती बनकर सामने आया है। यदि जल्द कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया तो यह मामला कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर बन सकता है। ग्रामीणों की सुरक्षा और विश्वास बहाल करना अब प्रशासन की जिम्मेदारी है।

प्रश्न यह नहीं कि ड्रोन उड़ रहा है, प्रश्न यह है कि क्या डर फिर से लौट रहा ह

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