भारत बंद के दौरान उत्तर प्रदेश में हुए हिंसक प्रदर्शन ने राज्य की कानून-व्यवस्था को चुनौती दी है
पुलीस टीम कि कड़ी सुरक्षा में पूरे देश में विरोध प्रदर्शन मुख्य रूप से शांतिपूर्ण रहे, लेकिन कुछ जगहों पर स्थिति बेकाबू हो गई जिसके कारण प्रशासन को कड़े कदम उठाने पड़े।
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Toggleउत्तर प्रदेश में ‘भारत बंद’ का असर मामूली रहा गुजरात के दलित बाहुल्य इलाकों में दिखाई दिया भारत बंद का असर
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रिपोर्ट:सागर और ज्वाला न्यूज (संवाददाता )
Moradabad :sagar aur jwala news ! 21 अगस्त 2024 को देशव्यापी भारत बंद के दौरान कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हुए। इस बंद का आह्वान सामाजिक और राजनीतिक संगठनों द्वारा किया गया था, जो कि सुप्रीम कोर्ट के एससी/एसटी आरक्षण पर दिए गए फैसले के खिलाफ थे। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़, बदायूं, और अन्य जिलों में हिंसक घटनाएं हुईं, जिनमें पत्थरबाजी, तोड़फोड़, और वाहनों को नुकसान पहुँचाया गया। कई जगहों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें भी हुईं।
उत्तर प्रदेश में ‘भारत बंद’ का असर मामूली रहा गुजरात के दलित बाहुल्य इलाकों में दिखाई दिया भारत बंद का असर
आरक्षण को लेकर उच्चतम न्यायालय के हाल के आदेश को विभिन्न संगठनों द्वारा बुधवार को आहूत ‘भारत बंद’ आव्हान का उत्तर प्रदेश में मामूली असर दिखाई दिया आरक्षण के समर्थन में राज्य के कई हिस्सों में दलित संगठनों ने जुलूस निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया पदयात्रा कर प्रदर्शन किया
राज्यो कि ज्यादातर दुकानें खुली रहीं और लोग कामकाज में लगे रहे और सभी के कार्य सामान्य रूप से चलता रहा अनुसूचित जातियों के आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय के हाल के हि एक आदेश से असहमत कुछ समूहों द्वारा आहूत एक दिन के ‘भारत बंद’ के को लेकर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी
पूरे देश में विरोध प्रदर्शन मुख्य रूप से शांतिपूर्ण रहे, लेकिन कुछ जगहों पर स्थिति बेकाबू हो गई, जिसके कारण प्रशासन को कड़े कदम उठाने पड़े। बंद के दौरान रेल और सड़क परिवहन में व्यवधान हुआ, और कई जगहों पर दुकानों और व्यवसायों को बंद रखने के लिए मजबूर किया गया। सरकार ने स्थिति पर नजर रखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए और हिंसा फैलाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी।
बदायूं में हिंसा
बदायूं में नीले झंडों बालों ने कई जगहों पर गुंडागर्दी की गईथी जिला अस्पताल के पास स्थित मार्केट में दुकानों पर हमला किया गया और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं, उसका सारा समान सड़क पर फेंक दिया गया जिसकी वीडियो वायरल हो गई है। विशेष रूप से गुरुकृपा मिष्ठान भंडार, जो समोसे के लिए प्रसिद्ध है, उसकी दुकान पर भी हमला किया गया। इस घटना पर प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है ताकि दोषियों को कड़ी सजा दी जा सके।बदायूं में हालात और भी खराब हो गए, जहां प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिसकर्मी पर हमला कर दिया। इस घटना में सिपाही को लाठियों से बुरी तरह पीटा गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इस तरह की घटनाओं ने क्षेत्र में डर और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है।
भारत बंद: यूपी ,बिहार में हिंसक प्रदर्शन
भारत बंद के दौरान उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर हिंसक प्रदर्शन देखने को मिले। वाराणसी में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के साथ तीखी नोक झोंक की। इस दौरान डीएसपी से भी भिड़ंत हो गई और धक्का-मुक्की भी की गई। बदायूं में स्थिति और भी गंभीर हो गई, जब प्रदर्शनकारियों ने एक सिपाही को लाठियों से बुरी तरह पीटा गया।इन घटनाओं ने स्थानीय प्रशासन को चौकन्ना कर दिया, जिससे राज्य के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा किया गया। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने और स्थिति को सामान्य बनाने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए। प्रशासन ने ऐसे अराजक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है, जो कानून-व्यवस्था भंग करने की कोशिश कर रहे हैं।
वाराणसी में तनावपूर्ण स्थिति
वाराणसी, जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है, में भारत बंद के दौरान तनाव चरम सीमा पर पहुंच गया। यहाँ प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर जमकर हंगामा किया। पुलिस के रोकने पर उन्होंने सुरक्षा बलों के साथ नोकझोंक की और कुछ प्रदर्शनकारियों ने डीएसपी के साथ धक्का-मुक्की भी की।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
इन घटनाओं को देखते हुए, राज्य प्रशासन ने सख्त कदम उठाने की योजना बनाई है। अधिकारियों ने कहा है कि ऐसे हिंसक तत्वों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, राज्य के अन्य हिस्सों में भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
निष्कर्ष
भारत बंद के दौरान उत्तर प्रदेश में हुए हिंसक प्रदर्शन ने राज्य की कानून-व्यवस्था को चुनौती दी है। वाराणसी और बदायूं में हुए ये घटनाएं प्रशासन के लिए एक चेतावनी हैं, जो यह दर्शाती हैं कि अराजक तत्व किसी भी हद तक जा सकते हैं। राज्य सरकार ने ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है, लेकिन यह देखना बाकी है कि इन कदमों से स्थिति में कितना सुधार होता है।