कारगिल विजय दिवस के 25 वर्ष: एक अद्भुत विजय की कहानी
प्रस्तावना
27 जुलाई 1999 को भारतीय सशस्त्र सेना ने कारगिल क्षेत्र में पाकिस्तान के साथ मिलकर एक महत्वपूर्ण संघर्ष में विजय प्राप्त की थी। यह विजय दिवस अब “कारगिल विजय दिवस” के रूप में मनाया जाता है। इस साल हम इस ऐतिहासिक उपलब्धि की 25वीं सालगिरह मना रहे हैं। यह दिन सिर्फ एक युद्ध की जीत नहीं है, बल्कि एक भावना, एक साहस और एकता का प्रतीक है जो भारतीयों की कहानियों में बसी हुई है।
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कारगिल युद्ध की पृष्ठभूमि
1999 में भारतीय सेना और पाकिस्तान की सशस्त्र सेनाओं के बीच इस युद्ध की शुरुआत हुई, जब पाकिस्तान के सैनिकों ने भारतीय क्षेत्रीय आक्रमण रेखा पर नियंत्रण कर लिया। यह स्थिति यह है कि पाकिस्तान ने शांति और स्थिरता को भंग करने की योजना बनाई थी। भारतीय सशस्त्र सेनाओं ने इस चुनौती का सामना करने के लिए अदम्य साहस और त्याग का प्रदर्शन किया।
संघर्ष और विजय
कारगिल युद्ध में भारतीय सैनिकों ने स्ट्रॉबेरी वाले पहाड़ी इलाकों पर कब्ज़ा करने के लिए कई कठिन लड़ाईयां लड़कियाँ बनाईं। हमारे ओसेल्स ने ओवेलियन्स और सीज़न के रिवोल्यूशन का सामना करते हुए ओसेल्स को पीछे छोड़ दिया और सफलता प्राप्त की।
इस युद्ध में कई वीरता के किस्से को मिले, जिनमें नायक मेजर ध्यानचंद, मेजर सिंह, और कैप्टन विक्रम बत्रा जैसे वीर सैनिक शामिल थे। इन बहादुर अपराधियों ने अपनी जान की बाजी लगाकर देश को गौरवान्वित किया।
विजय का जश्न
27 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने कारगिल में जीत हासिल की, और इस जीत से देशवासियों के मन में एक नई आशा और गर्व की भावना पैदा हुई। इस दिन को पवित्र करने के लिए हर साल विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें भक्तों को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं दी जाती हैं। विजय दिवस का यह अवसर देशवासियों का एकजुट होना, वीरता को प्रतिष्ठित करना, और देश की भावना को आगे बढ़ाना एक बहुत बड़ा अवसर है।
वर्तमान
आज, कारगिल विजय दिवस केवल एक सैन्य उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह हमारे देश की सैन्य सेनाओं की वीरता, निष्ठा और साहस का प्रतीक बन गया है। 25 साल बाद भी इस विजय दिवस पर हमें यह याद है कि जब भी जरूरत पड़े, हम अपने देश की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
25 वर्षों में, भारत ने अपनी सशस्त्र सेनाओं की आधुनिकतम तकनीक और नौसेना विकसित की है। यह विजय न केवल एक सैन्य जीत थी, बल्कि भारत के रणनीतिक सिद्धांतों और युद्ध की कहानियों को भी नए सिरे से परिभाषित किया गया था।
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कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर, हमें न केवल शहीदों को याद रखना चाहिए, बल्कि यह भी चाहिए कि हम अपने देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को कैसे बनाए रख सकें। आज की युवा पीढ़ी को उन वीरों की गाथाएं सुनाने की जरूरत है, अपनी जान की परवाह किए बिना देश की रक्षा की। आइए, हम सब मिलकर इस दिन को मनाएं और अपने देश की सुरक्षा को समर्पित करें। जय हिंद!