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रोजगार के लिए केवल एक ही वैकल्पिक मार्ग बचता है वह है उद्यमिता एवं स्वरोजगार ….डॉ राजीव


   मुरादाबाद,सागर और ज्वाला न्यूज। 

    डॉ राजीव कुमार,अखिल भारतीय 

          सह-समन्वयक,स्वावलंबी भारत अभियान

मुरादाबाद, सागर और ज्वाला न्यूज।स्वावलंबी भारत अभियान को 12 जनवरी 2024 को आरम्भ हुए 2 वर्ष पूर्ण हो रहे है। रोजगार यानि नौकरी यह सोच जो गत 76 वर्षों से भारतीय युवा के मस्तिष्क में घर कर गयी हैं आज देश में बेरोजगारी का मुख्य कारण बन चुकी है। युवा सरकारों की तरफ नौकरी के लिए टकटकी लगा कर देख रहा है जबकि देश में 37 करोड़ युवाओं को नौकरी देना सरकारों के बस की बात नहीं है।
ऐसे में रोजगार के लिए केवल एक ही वैकल्पिक मार्ग बचता है वह है उद्यमिता एवं स्वरोजगार।
देश के 32 बड़े जन संगठनों ने एक साथ मिलकर युवाओं की सोच को बदलने एवं इस हेतु सहायता(Handholding) हेतु पूरे देश में सभी जिलों में स्वावलंबी भारत अभियान आरम्भ किया है। वर्ष 2023 में इस अभियान के अन्तर्गत 500 से अधिक जिलों में स्वावलंबी केन्द्रों की स्थापना की जा चुकी है। विद्यालयों/ महाविद्यालयों में उद्यमिता प्रोत्साहन सम्मेलनों के माध्यम से 10 लाख से अधिक युवाओं तक उद्यमिता का विषय पहुंचाने में सफल हुए है। 4 हजार से अधिक सफल उद्यमियों को सम्मानित करने का कार्य किया गया है।
*12 जनवरी 2024* से देश के 700 जिलों में स्वामी विवेकानंद जी की जयन्ती पर *युवा उद्यमिता यात्रा निकालने के साथ-साथ 10 लाख वालियन्टियर बनाने का अभियान* शुरू होने जा रहा है। इन वालियन्टियरों के माध्यम से आम युवाओं तक उद्यमिता के विषय को ले जाने में भी सफल होंगे। इसी के साथ mysba के नाम से डिजिटल तन्त्र भी बनाया गया है जिस पर उद्यमिता से जुड़ी सभी जानकारियां भी प्रदान की जायेगी।

डॉ राजीव कुमार
अखिल भारतीय सह-समन्वयक
स्वावलंबी भारत अभियान

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