Search
Close this search box.

मिशन शक्ति के तहत जी.के. सिल्वर स्टोन की छात्रा नमरा नाज बनीं ‘एक दिन की पुलिस कप्तान’

मिशन शक्ति के तहत जी.के. सिल्वर स्टोन की छात्रा नमरा नाज बनीं ‘एक दिन की पुलिस कप्तान’

सौरभ मिश्रा, सागर और ज्वाला न्यूज़

चंदौसी (सम्भल):
महिलाओं और बालिकाओं के सशक्तिकरण के उद्देश्य से चल रहे मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत चंदौसी की होनहार छात्रा नमरा नाज को एक अनोखा अवसर मिला। जी.के. सिल्वर स्टोन सीनियर सेकेंड्री स्कूल की कक्षा 11 की छात्रा नमरा नाज ने सोमवार को पूरे दिन सम्भल जिले की पुलिस अधीक्षक की कुर्सी संभाली और ‘एक दिन की पुलिस कप्तान’ बनीं।

जनसुनवाई में सुनी जनता की समस्याएँ, पुलिस कार्यालय का किया निरीक्षण और जिम्मेदारियों का लिया अनुभव

कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक सम्भल श्री कृष्ण कुमार विश्नोई स्वयं मौजूद रहे और उन्होंने छात्रा को बतौर कप्तान जिम्मेदारियों का अनुभव कराया।

जनसुनवाई में सुनी जनता की समस्याएँ

पुलिस अधीक्षक के पद की भूमिका निभाते हुए नमरा नाज ने सबसे पहले जनसुनवाई कार्यक्रम में जनता की शिकायतें और समस्याएँ सुनीं। इस दौरान उन्हें बताया गया कि किस प्रकार एक एसपी नागरिकों की बात ध्यानपूर्वक सुनता है और किस तरह सम्बंधित विभाग या थाने को निर्देश देकर समस्या का समाधान कराया जाता है। नमरा नाज ने जनता की बात सुनकर अधिकारियों को समाधान हेतु निर्देश भी दिए।

पुलिस कार्यालय का भ्रमण और जानकारी

इसके बाद ‘एक दिन की कप्तान’ नमरा नाज ने सम्भल पुलिस कार्यालय, बहजोई का भ्रमण किया। उन्होंने पुलिस कार्यालय की विभिन्न शाखाओं जैसे— अपराध शाखा, साइबर सेल, महिला हेल्प डेस्क, रिकॉर्ड सेक्शन, और कंट्रोल रूम के कार्यों को नजदीक से देखा। अधिकारियों ने उन्हें विस्तार से बताया कि किस प्रकार पुलिस विभाग जिले की सुरक्षा व्यवस्था, अपराध नियंत्रण और जनसेवा में दिन-रात जुटा रहता है।

जिम्मेदारियों का अनुभव और प्रेरणा

नमरा नाज ने इस अनुभव को अपने जीवन का यादगार पल बताया। उन्होंने कहा कि “आज मुझे यह समझने का मौका मिला कि पुलिस अधीक्षक के रूप में जिम्मेदारी कितनी बड़ी होती है। जनता की समस्याओं को धैर्यपूर्वक सुनना और उनका त्वरित समाधान करना ही इस पद का सबसे अहम दायित्व है।”

मिशन शक्ति का उद्देश्य

पुलिस अधीक्षक श्री कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा कि मिशन शक्ति अभियान के तहत बालिकाओं को ‘एक दिन का पुलिस कप्तान’ बनाने का उद्देश्य उन्हें आत्मविश्वासी बनाना और समाज में अपनी जिम्मेदारी को समझाना है। ऐसे आयोजनों से बालिकाओं में नेतृत्व क्षमता का विकास होता है और वे आने वाले समय में समाज की धुरी बनकर आत्मनिर्भर और सशक्त बनती हैं।

उपलब्धियाँ

एक दिन की कप्तान’ बनी नमरा नाज की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि उन्होंने

जनसुनवाई में पुलिस अधीक्षक की तरह समस्याएँ सुनीं और समाधान हेतु निर्देश दिए।

पूरे पुलिस कार्यालय का निरीक्षण कर हर शाखा की कार्यप्रणाली को समझा।

पुलिस अधिकारी के दायित्व और अनुशासन का प्रत्यक्ष अनुभव लिया।

अपने अनुभव को साझा कर अन्य छात्राओं को भी प्रेरित किया कि मेहनत और आत्मविश्वास से वे जीवन में कोई भी मुकाम हासिल कर सकती हैं।

निष्कर्ष

चंदौसी की छात्रा नमरा नाज का यह अनुभव न केवल उनके लिए बल्कि जिले की सभी छात्राओं और युवाओं के लिए प्रेरणा बन गया है। ‘एक दिन की पुलिस कप्तान’ बनने का अवसर यह साबित करता है कि बेटियाँ भी किसी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं और सही मार्गदर्शन व अवसर मिलने पर हर चुनौती का सामना कर सकती हैं

 

Leave a Comment