Search
Close this search box.

पितृदोष निवारण के वैदिक उपाय


पितृदोष निवारण के वैदिक उपाय

मा बगलामुखी ज्योतिष केंद्र की प्रस्तुति
ज्योतिषाचार्य डॉ. जे. सी. सोनी
WhatsApp: 8889385676
(परामर्श सशुल्क)

ज्योतिष शास्त्र और धर्मग्रंथों के अनुसार पितृदोष निवारण के लिए कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं। इन उपायों से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।


१. तर्पण और श्राद्ध

  • प्रत्येक अमावस्या और विशेषकर पितृ पक्ष (भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक) में तर्पण और श्राद्ध अवश्य करना चाहिए।
  • जल में काले तिल और गंगाजल मिलाकर पितरों को अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं।
  • पिंडदान और श्राद्ध से आत्माओं को शांति प्राप्त होती है और परिवार में समृद्धि आती है।

२. मंत्र जाप

पितरों की कृपा प्राप्त करने हेतु निम्न मंत्रों का जाप विशेष फलदायी है –

  • ॐ श्री पितराय नमः – 21 बार
  • ॐ श्री सर्व पितृ देवताभ्यो नमो नमः – 108 बार
  • पितृ गायत्री मंत्र:

    देवताभ्यः पितृभ्यश्च महा योगिभ्य एव च।
    नमः स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नमः।।

प्रतिदिन 1 माला जाप करना शुभ माना गया है।


३. पीपल वृक्ष की पूजा

  • अमावस्या को पीपल के वृक्ष पर जल, फूल, दूध और काले तिल अर्पित करें।
  • वृक्ष की 108 परिक्रमा करते हुए “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
  • ऐसा करने से पितरों की आत्मा को संतोष और परिवार को सुख-समृद्धि मिलती है।

४. दान और सेवा

पितृदोष से मुक्ति हेतु दान और सेवा अत्यंत आवश्यक है:

  • गरीबों को भोजन कराएँ।
  • ब्राह्मणों को दान दें।
  • गाय, कुत्ते और कौओं को भोजन कराएँ।

विशेषकर सोमवती अमावस्या पर यह कार्य करने से पितृदोष का प्रभाव शीघ्र कम होता है।


५. शिव पूजा

  • “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
  • शिवलिंग पर जल चढ़ाएँ और बिल्वपत्र अर्पित करें।
  • ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और घर-परिवार पर पितरों का आशीर्वाद बना रहता है।

६. सूर्योपासना और गायत्री मंत्र

  • सूर्योदय के समय सूर्य देव को जल अर्पित करें।
  • गायत्री मंत्र का जाप करें:

ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात्।

इससे पितृदोष का प्रभाव कम होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।


ग्रंथ प्रमाण

ये सभी उपाय ब्रह्म पुराण और रावण संहिता में वर्णित हैं।
विशेष रूप से पितृ पक्ष में इन उपायों को करने से पितरों की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।


निष्कर्ष

  • पितरों का सम्मान, तर्पण, श्राद्ध, मंत्र जाप, दान, सेवा और पूजा – ये सभी कार्य हमारे जीवन को शुभ और समृद्ध बनाते हैं।
  • पितृदोष निवारण कर परिवार में शांति, धन, स्वास्थ्य और सुख की वृद्धि होती है।

पितरों को शांति और मोक्ष की प्राप्ति हो
ॐ श्री पितराय नमः


मा बगलामुखी ज्योतिष केंद्र की प्रस्तुति
ज्योतिषाचार्य डॉ. जे. सी. सोनी
WhatsApp: 8889385676
(परामर्श सशुल्क)

Leave a Comment