बार एसोसिएशन एंड लाइब्रेरी मुरादाबाद के वार्षिक चुनाव कल, मतदान की सभी तैयारियां पूर्ण
मुरादाबाद, सागर और ज्वाला न्यूज 28 जुलाई 2025:
बार एसोसिएशन एंड लाइब्रेरी मुरादाबाद के वार्षिक चुनाव का आयोजन कल दिनांक 29 जुलाई 2025, मंगलवार को किया जाएगा। चुनाव को लेकर तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं और निर्वाचन प्रक्रिया को निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
मतदान से जुड़ी मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
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Toggle1. मतदान प्रातः 10:00 बजे से सायं 5:00 बजे तक संपन्न होगा।
2. दोपहर 1:30 से 2:00 बजे तक लंच ब्रेक रहेगा।
3. सुबह 9:30 बजे तक सभी प्रत्याशी मतपेटिका की जांच कर सकते हैं।
4. सभी मतदाता बार एसोसिएशन अथवा बार काउंसिल का पहचान पत्र साथ लाना अनिवार्य होगा।
5. मतदान केंद्र के अंदर फोटो खींचना पूरी तरह वर्जित रहेगा।
6. मतदान स्थल पर वाहनों के लिए कोई स्टैंड संचालित नहीं होगा, अतः मतदाता निजी व्यवस्था करें।
7. चुनाव के चलते मंगलवार को मुरादाबाद के समस्त अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे
चुनाव को लेकर अधिवक्ताओं में उत्साह चरम पर है। सोमवार को पूरे दिन प्रत्याशियों ने भारी मशक्कत करते हुए चेंबर टू चेंबर संपर्क अभियान चलाया और अधिवक्ताओं से अपने पक्ष में मतदान की अपील की।
वकीलों के इस लोकतांत्रिक पर्व को लेकर बार परिसर में गहमागहमी का माहौल है। प्रत्याशी अपने-अपने पक्ष में समर्थन जुटाने के अंतिम प्रयासों में जुटे रहे।
बार एसोसिएशन मुरादाबाद की एल्डर्स कमेटी ने सभी अधिवक्ताओं से अपील की है कि वे नियमों का पालन करते हुए शांतिपूर्वक मतदान में भाग लें और संस्था की गरिमा को बनाए रखें।
महासंग्राम से पहले संशय की स्थिति: मुरादाबाद बार चुनाव में अध्यक्ष , महासचिव और कोषाध्यक्ष पद पर टिकी हैं निगाहें, मतदाता और प्रत्याशी दोनों असमंजस में
मुरादाबाद, सागर और ज्वाला न्यूज। 28 जुलाई 2025:
बार एसोसिएशन एंड लाइब्रेरी मुरादाबाद के वार्षिक चुनाव से एक दिन पहले माहौल पूरी तरह चुनावी रंग में रंग चुका है, लेकिन इस बार की सबसे बड़ी बात यह है कि अध्यक्ष, महासचिव और कोषाध्यक्ष जैसे प्रमुख पदों पर मुकाबला बेहद रोमांचक और अप्रत्याशित रूप ले चुका है।
जहाँ एक ओर प्रत्याशी अपनी ओर से भरपूर प्रचार-प्रसार में जुटे रहे, वहीं दूसरी ओर मतदाता भी असमंजस की स्थिति में नजर आ रहे हैं। चुनाव के एक दिन पूर्व तक अधिकांश अधिवक्ताओं को यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वे किस प्रत्याशी को वोट दें।
वहीं दूसरी ओर कई प्रत्याशी खुद मतदाताओं को पहचान नहीं पा रहे हैं, जिससे सीधे संपर्क में कठिनाई हो रही है।
इसका प्रमुख कारण नए अधिवक्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी, वार्षिक सदस्यता नवीनीकरण में देरी, और चेंबर स्थानांतरण जैसे कारण बताए जा रहे हैं।
अध्यक्ष पद की लड़ाई को लेकर चर्चा जोरों पर है। दो दावेदारों के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है। जिसमें अध्यक्ष पद पर आनंद मोहन गुप्ता अपनी मजबूत पकड़ बनाए हुए। उनके साथ अधिकांश अधिवक्ता जुड़े हुए और कुछ मतदाता चुप्पी साधे हुए हैं, जिससे कोई भी प्रत्याशी यह नहीं कह पा रहा कि उसकी स्थिति कितनी मजबूत है।
महासचिव पद की दौड़ में युवा बनाम अनुभवी का संघर्ष दिखाई दे रहा है। एक ओर तेजतर्रार युवा प्रत्याशी हैं। जो सोशल मीडिया और डिजिटल माध्यमों से प्रचार कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर परंपरागत और वरिष्ठ अधिवक्ता अनुभवी नेतृत्व का दावा कर रहे हैं।
कोषाध्यक्ष पद भी इस बार बेहद चर्चा में है। पारदर्शिता, जवाबदेही और लेखा प्रबंधन को लेकर प्रत्याशियों ने कई वादे किए हैं, लेकिन मतदाताओं को अब तक यह तय करने में कठिनाई हो रही है कि किसे चुना जाए। कौन सही रहेगा
विशेषज्ञों की राय:
चुनाव विश्लेषकों का मानना है कि यह असमंजस दर्शाता है कि मतदाता इस बार भावनात्मक या जातीय आधार पर नहीं, बल्कि कार्यक्षमता, पारदर्शिता और व्यवहार को प्रमुखता दे रहे हैं।
ग्राउंड रिपोर्ट:
पूरे दिन प्रत्याशी चेंबर टू चेंबर और कोर्ट परिसर में घूमकर समर्थन जुटाते रहे, लेकिन मतदाताओं की चुप्पी ने उन्हें बेचैन कर रखा है।
कई प्रत्याशी यह कहते भी सुने गए –”पहचान भी नहीं पा रहे कि वोटर कौन है और किसके साथ खड़ा है।”
निष्कर्ष:
29 जुलाई को मतदान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगा। इस बार का चुनाव न सिर्फ प्रतिस्पर्धी, बल्कि काफी उलझा हुआ और अप्रत्याशित भी माना जा रहा है। मतदाताओं की खामोशी और प्रत्याशियों की उलझन ने यह साबित कर दिया है कि जीत किसकी होगी, यह कहना अभी नामुमकिन है।