Pariksha Pe Charcha: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 फरवरी 2025 को ‘परिक्षा पे चर्चा 2025’ के आठवें संस्करण के दौरान छात्रों से संवाद किया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को परीक्षा से लेकर प्रकृति संरक्षण तक विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर टिप्स दिए। इस दौरान उन्होंने समय प्रबंधन, परीक्षा का दबाव, और आत्मविश्वास को लेकर कई महत्वपूर्ण सलाह दी। आइए जानते हैं पीएम मोदी ने छात्रों को इस अवसर पर कौन-कौन सी सलाह दी।
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Toggle‘ज्ञान और परीक्षा दो अलग-अलग बातें हैं’
प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि ज्ञान और परीक्षा दो अलग-अलग बातें हैं। उन्होंने कहा, “ज्ञान जितना हो सके उतना अर्जित करना चाहिए, लेकिन परीक्षा हर चीज नहीं है, ज्ञान और परीक्षा दो अलग-अलग बातें हैं।”
प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि छात्रों को केवल परीक्षा के अंक और परिणाम के बारे में नहीं सोचना चाहिए, बल्कि उन्हें जीवनभर सीखने और ज्ञान प्राप्त करने की दिशा में काम करना चाहिए। इससे न केवल मानसिक दबाव कम होगा, बल्कि छात्रों का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
समय प्रबंधन
समय प्रबंधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को बहुत महत्वपूर्ण टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि अगर हमें अपनी पढ़ाई को प्रभावी ढंग से मैनेज करना है तो हमें समय को योजनाबद्ध तरीके से प्रबंधित करना होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमें अपने समय के बारे में सोचना होगा। हमें यह सोचना होगा कि हम अपने समय का सबसे अधिक उपयोग कैसे करें। हमें इसे कागज पर लिखकर तय करना चाहिए और अगले दिन चेक करना चाहिए कि हमने क्या किया और क्या नहीं। हमें केवल अपने पसंदीदा विषयों के बारे में नहीं, बल्कि जो विषय हमें नापसंद हैं, उनके बारे में भी अध्ययन करना चाहिए।”
समय का सही प्रबंधन न केवल परीक्षा के परिणाम को बेहतर बनाता है, बल्कि यह छात्रों को तनाव मुक्त भी रखता है और उन्हें अपनी पढ़ाई में संतुलन बनाने का अवसर देता है।
‘खुद से मुकाबला करो’
प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को यह सलाह दी कि उन्हें अपने आप से मुकाबला करना चाहिए। उन्होंने कहा, “जो व्यक्ति खुद से मुकाबला करता है, उसका आत्मविश्वास कभी नहीं टूटता।” इस सलाह का मतलब था कि छात्रों को अपने खुद के विकास और सुधार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि दूसरों से तुलना करनी चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि जब हम खुद से मुकाबला करते हैं, तो हमारी कोशिश अपनी पिछली गलतियों को सुधारने की होती है, जो हमारी सफलता की कुंजी है। यह मानसिक रूप से भी स्वस्थ तरीका है, जिससे छात्र मानसिक दबाव से बच सकते हैं।
पेपर छूटने का डर
एक छात्र द्वारा परीक्षा के दौरान पेपर छूटने का डर पूछा गया, तो पीएम मोदी ने कहा कि यह सामान्य है। उन्होंने छात्रों को सुझाव दिया कि वे पिछले सालों के पेपर हल करें और उन्हें अभ्यास करें। इससे न केवल उन्हें अपने विषयों की अच्छी समझ मिलेगी, बल्कि परीक्षा के दबाव को भी कम किया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि यह डर केवल परीक्षा के समय ही नहीं, बल्कि जीवन के किसी भी मोड़ पर हो सकता है। लेकिन इस डर को सही तरीके से नियंत्रित करना जरूरी है, और इसके लिए उचित तैयारी और अभ्यास जरूरी है।
विफलता का डर
प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों से कहा कि जीवन केवल परीक्षा का नाम नहीं है। यदि आप असफल होते हैं, तो आपको अगली बार फिर से मौका मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा, “अपनी मानसिक स्वास्थ्य को इस कारण से खराब मत करो। जीवन कीमती है, आपका परिणाम नहीं।”
इसका मतलब था कि छात्रों को परीक्षा परिणाम से ज्यादा अपने मानसिक स्वास्थ्य और जीवन के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। विफलता केवल एक अवसर है, जिससे हम सीख सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं।
‘वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करो’
प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को वर्तमान में जीने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि छात्रों को भविष्य की चिंता किए बिना वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यदि हम वर्तमान में अच्छे से काम करेंगे, तो भविष्य अपने आप बेहतर हो जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों को मानसिक शांति बनाए रखने के लिए वर्तमान में जीना बहुत जरूरी है। यह न केवल पढ़ाई में, बल्कि जीवन के हर पहलू में सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक है।
प्रकृति का शोषण हमारी संस्कृति नहीं है
प्राकृतिक संरक्षण के बारे में एक छात्र ने सवाल पूछा, तो प्रधानमंत्री मोदी ने जवाब दिया कि प्रकृति का शोषण हमारी संस्कृति नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारा जीवन शैली ऐसा होना चाहिए, जो प्रकृति को संरक्षण प्रदान करें।”
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि पर्यावरण और प्रकृति की रक्षा करना हमारे सांस्कृतिक मूल्यों का हिस्सा है। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे प्रकृति के साथ सामंजस्यपूर्ण तरीके से जीने का प्रयास करें और इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखें।
प्रधानमंत्री ने छात्रों को यह समझाया कि किसी भी परिस्थिति में प्रकृति का शोषण न करना और पर्यावरण का संरक्षण करना, यह हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा होना चाहिए। इसके लिए हमें अपनी आदतों और कार्यों को फिर से आकार देना होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परिक्षा पे चर्चा’ में छात्रों को परीक्षा, समय प्रबंधन, आत्मविश्वास और प्रकृति संरक्षण से संबंधित कई महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक टिप्स दिए। उन्होंने यह साबित किया कि परीक्षा के दबाव से बचने और जीवन में सफलता पाने के लिए सही मानसिकता और तैयारी जरूरी है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि विफलता से डरने की बजाय हमें हर अनुभव से कुछ न कुछ सीखने की आवश्यकता है।
इस कार्यक्रम ने छात्रों को मानसिक शांति, आत्मविश्वास, और समय प्रबंधन के साथ-साथ अपने जीवन की मूल्यवान बातें सीखने का एक और मौका दिया। प्रधानमंत्री मोदी के शब्दों ने छात्रों को प्रेरित किया कि वे केवल परीक्षा के परिणामों से न डरें, बल्कि जीवन की अन्य महत्वपूर्ण बातों पर भी ध्यान केंद्रित करें।