Search
Close this search box.

देवरहा बाबा का रहस्य…यह जानकार होश उड़ जायेंगे आपके..अंत तक जरुर पढें

देवरहा बाबा भारतीय संतों की परंपरा में एक अनोखी शख्सियत माने जाते हैं। उनके जीवन और सिद्धियों के बारे में कई रहस्य और चमत्कारिक किस्से सुनने को मिलते हैं, जो लोगों के मन में श्रद्धा, अचरज, और रहस्य का संचार करते हैं। बाबा का वास्तविक जन्म कब हुआ और उन्होंने कितने सालों तक जीवित रहे, इसके बारे में कोई ठोस प्रमाण नहीं है, लेकिन उनकी प्रसिद्धि भारत के कई हिस्सों में फैल चुकी है। कहा जाता है कि उन्होंने अपनी योग-साधना के माध्यम से अलौकिक शक्तियाँ प्राप्त कर ली थीं। इस कारण उन्हें दिव्य महात्मा माना जाता था, जो अपने अनुयायियों के लिए भगवान के समान थे।

 

 

1. बाबा का जन्म और प्रारंभिक जीवन

देवरहा बाबा के जन्म को लेकर अनेक धारणाएँ हैं। कहा जाता है कि उनका जन्म उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के पास हुआ था, लेकिन उनके जन्म की वास्तविक तिथि अज्ञात है। इस पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है कि बाबा ने किस काल में जन्म लिया, किन्तु माना जाता है कि उन्होंने कई शताब्दियों तक जीवन बिताया। कुछ लोग मानते हैं कि बाबा करीब 250 साल से भी अधिक समय तक जीवित रहे। बाबा का जीवन सादा और संन्यासी शैली का था, जो कि आधुनिक समाज से काफी अलग था।

 

 

2. बाबा की योग-साधना और सिद्धियाँ

देवरहा बाबा योग की प्राचीन परंपरा में दीक्षित थे और माना जाता है कि उन्होंने कठोर तपस्या और साधना के माध्यम से अनेक सिद्धियाँ प्राप्त कीं। उनके अनुयायी बताते हैं कि बाबा ने अपना अधिकांश जीवन हिमालय की गुफाओं में बिताया। वे वर्षों तक ध्यानमग्न रहते थे और योग की विभिन्न क्रियाओं को साधने में कुशल थे।

 

योग-साधना के माध्यम से बाबा ने अपने शरीर पर अद्वितीय नियंत्रण पा लिया था। उन्हें “महासिद्ध योगी” कहा जाता है क्योंकि उनकी सिद्धियाँ आम व्यक्ति के समझ से परे थीं। कहा जाता है कि बाबा ने अपने शरीर को इतनी उत्कृष्ट स्थिति में पहुँचा लिया था कि वे बिना भोजन और पानी के कई महीनों तक जीवित रह सकते थे। बाबा की साधना का प्रभाव इतना गहरा था कि उनके अनुयायी मानते थे कि वे अपने शरीर में अमरत्व पा चुके हैं।

 

 

3. अलौकिक शक्तियाँ और चमत्कार

बाबा के अनुयायियों का दावा है कि उनके पास कई प्रकार की अलौकिक शक्तियाँ थीं। लोगों का विश्वास था कि वे अदृश्य हो सकते थे, हवा में चल सकते थे, और अपनी इच्छा से कहीं भी जा सकते थे। उन्होंने कई लोगों को अपनी सिद्धियों के चमत्कार दिखाए, जिसके कारण उनके प्रति लोगों में श्रद्धा और विश्वास बहुत गहरा था। कुछ प्रमुख घटनाएँ हैं जो बाबा की अलौकिक शक्तियों का प्रमाण मानी जाती हैं:

 

 जल के ऊपर चलना: कहा जाता है कि बाबा बिना किसी सहारे के नदी या पानी के ऊपर चल सकते थे। कई बार गंगा के किनारे उनकी सिद्धियों का प्रदर्शन हुआ, जहाँ उनके अनुयायियों ने बाबा को नदी के ऊपर चलते हुए देखा।

 

दूर दृष्टि और भविष्यवाणी: बाबा के अनुयायियों का मानना था कि उनके पास दूर दृष्टि की शक्ति थी। वे कई किलोमीटर दूर होने वाली घटनाओं का अनुमान लगा सकते थे और भविष्य की घटनाओं की जानकारी पहले से ही दे सकते थे। उनके अनुयायियों ने दावा किया कि बाबा ने उन्हें कई घटनाओं के बारे में पहले से सूचित किया जो बाद में सत्य साबित हुईं।

 

अनेक स्थानों पर एक साथ होना: कुछ भक्तों का दावा था कि उन्होंने बाबा को एक ही समय में अलग-अलग स्थानों पर देखा। यह उनकी योग-सिद्धियों का हिस्सा माना जाता था कि वे अपनी इच्छा से कई स्थानों पर एक साथ उपस्थिति दर्ज करा सकते थे।

 

4. दीर्घायु और अमरत्व का रहस्य

देवरहा बाबा की दीर्घायु का रहस्य सबसे अधिक चर्चित है। कई लोग दावा करते हैं कि बाबा ने लगभग 250 साल से अधिक समय तक जीवन बिताया। इसका कारण उनके योग और तपस्या की क्षमता को माना गया है। योग की प्राचीन परंपरा में “कायाकल्प” जैसी विधियों का उल्लेख मिलता है, जिनके माध्यम से योगी अपने शरीर को दीर्घायु और स्वस्थ रख सकते हैं। बाबा ने इन्हीं विधियों का अभ्यास किया और अपने शरीर को ऐसा बना लिया कि वे समय के प्रभाव से मुक्त हो गए।

उनके अनुयायी बताते हैं कि बाबा ने कभी भी अपने स्वास्थ्य या उम्र को लेकर कोई चिंता नहीं दिखाई। उनका शरीर हमेशा से ही स्वस्थ और ऊर्जावान प्रतीत होता था। बाबा के रहस्यमयी और दिव्य व्यक्तित्व का यही एक मुख्य कारण था कि उनके अनुयायी उन्हें अमर मानते थे।

 

5. लोगों के प्रति करुणा और प्रेम

देवरहा बाबा का मानना था कि सेवा और करुणा से ही ईश्वर की प्राप्ति हो सकती है। बाबा अपने भक्तों के प्रति अत्यंत प्रेम और करुणा का भाव रखते थे। उन्होंने कभी भी किसी का धर्म, जाति, या वर्ग का भेदभाव नहीं किया। वे सभी के प्रति समान भाव रखते थे और सभी को प्रेम और सच्चाई का मार्ग दिखाने का प्रयास करते थे। बाबा ने कभी भी भौतिक सुख-सुविधाओं की इच्छा नहीं रखी और अपना अधिकांश जीवन तपस्या में बिताया।

 

6. भक्तों की मदद और आशीर्वाद

बाबा ने अपने जीवन में कई लोगों की मदद की और उन्हें आशीर्वाद दिया। उनके भक्तों का कहना था कि बाबा का आशीर्वाद अचूक था। उनके पास जो भी भक्त अपनी समस्याओं के समाधान के लिए आता था, बाबा उसे सही मार्ग दिखाते थे। उनकी रहस्यमयी शक्तियों के कारण लोग बाबा से मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए दूर-दूर से आते थे।

बाबा के आशीर्वाद का प्रभाव इतना गहरा था कि लोगों की समस्याएँ दूर हो जाती थीं। उनके अनुयायियों का मानना था कि बाबा की दृष्टि मात्र से उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आ जाते थे। कई लोग अपने व्यवसाय, परिवार और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को लेकर बाबा के पास आते थे और बाबा उन्हें समाधान देकर उनका जीवन खुशहाल बना देते थे।

 

7. राजनेताओं और समाज पर प्रभाव

देवरहा बाबा का प्रभाव केवल आम लोगों पर ही नहीं था, बल्कि बड़े राजनेताओं और समाज के प्रमुख व्यक्तियों पर भी था। उनके अनुयायियों में कई बड़े राजनेता, अभिनेता, और उद्योगपति शामिल थे। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, और अन्य कई राजनेता बाबा के भक्त थे और उनके आशीर्वाद को पाना अपना सौभाग्य मानते थे। बाबा का मानना था कि नेता अपने पद का उपयोग देश और समाज की भलाई के लिए करें और सदैव धर्म का पालन करें।

राजनीतिक नेताओं के साथ उनकी नजदीकी से यह स्पष्ट होता है कि बाबा का समाज पर कितना गहरा प्रभाव था। उनके विचार और शिक्षाएँ न केवल व्यक्तिगत विकास के लिए, बल्कि समाज की भलाई के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती थीं। वे अक्सर नेताओं को सच्चाई और धर्म के मार्ग पर चलने की सलाह देते थे, ताकि देश का कल्याण हो सके।

 

8. देवरहा बाबा की मृत्यु और उनका उत्तराधिकार

देवरहा बाबा ने अपनी मृत्यु के समय को लेकर पहले से ही संकेत दे दिए थे। माना जाता है कि 1990 में उनका देहांत हुआ। बाबा का देहांत भी रहस्यमयी तरीके से हुआ, और उनके अनुयायी मानते हैं कि उन्होंने अपने योग-साधना के माध्यम से अपनी मृत्यु को भी नियंत्रित किया।

बाबा के देहांत के बाद उनके अनुयायी उन्हें याद करते हैं और उनके द्वारा दिए गए उपदेशों का अनुसरण करते हैं। हालाँकि बाबा ने किसी को उत्तराधिकारी के रूप में नियुक्त नहीं किया, लेकिन उनके अनुयायी आज भी उनके बताए हुए मार्ग पर चलने का प्रयास करते हैं। बाबा की शिक्षा और सिद्धियाँ आज भी उनके अनुयायियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

 

9. बाबा की शिक्षाएँ और दर्शन

देवरहा बाबा का मानना था कि सच्चा सुख और शांति केवल भौतिक सुख-सुविधाओं में नहीं, बल्कि आत्मज्ञान और आत्म-संयम में है। वे योग और ध्यान के माध्यम से आत्मा की शुद्धि पर जोर देते थे। बाबा का संदेश था कि मनुष्य को सच्चाई, अहिंसा, और करुणा के मार्ग पर चलना चाहिए। उन्होंने सदैव लोगों को धर्म, योग, और साधना के महत्व को समझाया।

बाबा ने अपने अनुयायियों को सिखाया कि जीवन का वास्तविक उद्देश्य आत्म-साक्षात्कार है। वे कहते थे कि संसारिक भोग-विलास से मुक्त होकर ही मनुष्य अपनी आत्मा को जान सकता है। उनका दर्शन था कि सभी मनुष्यों को अपने मन और विचारों को शुद्ध करना चाहिए और अपने जीवन को सेवा और करुणा के लिए समर्पित करना चाहिए।

 

निष्कर्ष

देवरहा बाबा का जीवन एक अद्भुत रहस्य और चमत्कार से भरा हुआ था। उनकी दीर्घायु, उनकी अलौकिक शक्तियाँ, और उनके द्वारा किए गए चमत्कार उन्हें एक दिव्य पुरुष के रूप में प्रस्तुत करते हैं। बाबा का जीवन, उनकी शिक्षाएँ, और उनके चमत्कार आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनकी बातें आज भी लोगों के मन में गहरी छाप छोड़ती हैं और उनके सिद्धांत

Leave a Comment