क्षेत्रीय प्रबन्धक एस0बी0आई0 बैंक मिनी ब्रांच संचालक का लाईसेंस हुआ निरस्त…… पारस वार्ष्णेय एडवोकेट
संभल सागर और ज्वाला न्यूज संभल
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Toggleपारस वार्ष्णेय एडवोकेट ने बताया कि बैंक फ्रॉड के मामलों में निरंतर इजाफा हो रहा हैआज के इस दौर में जमाकर्ताओं को बहुत ही सजग होने की आवश्यकता है पढ़े लिखे लोग साइबर क्राइम से परेशान हैं ।तो अशिक्षित, अंगूठा लगाने के कारण, सरकार एवं बैंक प्रबंधन को ऐसे अपराधों में लिप्त दोषियों के विरूद्ध सख्त कानून बनाने,साइबर सेल को और अधिक सक्रिय करने की आवश्यकता है। ऐसी घटनाएं होती रहती है जिसको लेकर एक वाद दायर उपभोक्ता फॉर्म में किया गया। जिसको लेकर सागर और ज्वाला को पारस वार्ष्णेय एडवोकेट ने बताया कि कि लोग कैसे-कैसे तरह तरह कि ठगी को किया करते है
संभल सागर और ज्वाला न्यूज।सम्भल-उ०प्र० शासन ने मकान निर्माण हेतु दो लाख रुपये का अनुदान
दिया। धनराशि खाते में जमा कराई लेकिन भारतीय स्टेट बैंक की मिनी ब्रांच संचालक ने ग्राहक के खाते में जमा अनुदान की धनराशि जमाकर्ता की अनुमति के बिना उसके खाते से 1 लाख 72 हजार निकाल लिये । भारतीय स्टेट बैंक की शाख सरायतरीन में शिकायत की गई लेकिन धनराशि वापस नहीं की। जिस पर जिला उपभोक्ता आयोग सम्भल ने मिनी ब्रांच संचालक को आदेश दिया कि वह निकाली गई धनराशि ब्याज मानसिक कष्ट व आर्थिक हानि सहित वापस करे तथा भारतीय स्टेट बैंक मिनी संचालक का लाईसेंस अविलम्व निरस्त करे । अधिवक्ता पारस वार्ष्णेय के अनुसार शकुन्तला पत्नी राजाराम निवासी मो० लाडम सराय, तह0 व जिला सम्भल ने बचत उद्देश्यों की पूर्ति हेतु भारतीय स्टेट बैंक शाखा सरायतरीन के मिनी ब्रांच संचालक गुलाब सिंह पुत्र डोरी लाल नि0 ग्राम शाहपुर थाना हयातनगर जिला सम्भल से एक बचत खाता सं0–36457364676 खुलवाया था । उ०प्र० शासन ने मकान निर्माण हेतु रु0 2 लाख उपभोक्ता के पक्ष में स्वीकृत किये थे तथा उसके खाते में जमा भी करा दिये गये थे। जुलाई 2021 में उपभोक्ता को धन की आश्यकता हुई तो उसने भारतीय स्टेट बैंक शाखा सरायतरीन जाकर जमा धनराशि निकालने हेतु आवेदन किया तो ज्ञात हुआ कि उसके खाते से रुपये 1 लाख 72 हजार मिननी ब्रांच संचालक गुलाब सिंह पुत्र डोरी लाला नि० ग्राम शाहपुर थाना हयातनगर तह० व जिला सम्भल द्वारा ग्राहक की सहमति के बिना निकाल लिये गये हैं। जमाकर्ता ने धनराशि की मांग की बैंक एवं मुख्यमंत्री तक शिकायत प्रेषित की जॉच पर मिनी ब्रांस संचालक गुलाब सिंह पुत्र डोरी लाल ने समझौता करके कुछ दिन के अन्दर धनराशि वापस करने का समय मांगा लेकिन धनराशि वापस नहीं की जिस पर जमाकर्ता ने अपनी शिकायत जिला उपभोक्ता आयोग, में सम्भल में की। अधिवक्ता पारस वार्ष्णेय ने बहस के दौरान मिनी बैंक संचालक गुलाब सिंह पुत्र डोरी लाल के अवैध कृत्यों के सम्बन्ध में अवगत कराया और मिनी ब्रांच संचालक के लाईसेंस को निरस्त करने का भी अनुरोध किया । जिस पर जिला उपभोक्ता आयोग ने मिनी ब्रांच संचालक गुलाब सिंह पुत्र डोरी लाल को आदेश दिया कि वह दो माह के अन्दर रूपए एक लाख 72 हजार 7 प्रतिशत ब्याज सहित वापस करे । रूपए 1 लाख मानसिक कष्ट व आर्थिक हानि हेतु उपभोक्ता को अदा करे तथा रूपए 5 हजार वाद व्यय हेतु भी अदा किये जाये। भारतीय स्टेट बैंक के क्षेत्रीय प्रबन्धक व शाखा प्रबन्धक को आदेष दिया कि वें मिनी ब्रांच संचालक गुलाब सिंह का लाईसेंस अविलम्व निरस्त करें ।