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भीष्म पितामह ने अर्जुन को 4 प्रकार का भोजन न करने की सलाह दी , जाने क्यों बेटी को पिता के साथ भोजन करना चाहिए

उज्जैन,सागर और ज्वाला न्यूज।
भीष्म पितामह ने अर्जुन को 4 प्रकार का भोजन न करने की सलाह देते हुए ये बाते कही

 

डाॅ.जे.सी.सोनी गुरुजी स्वर्ण पदक विजेता 

उज्जैन ,सागर और ज्वाला न्यूज ।

1. जिस थाली को क़ोई व्यक्ति लांघ कर गया हो वह भोजन नाली में पड़े कीचड़ के समान है! वह भोजन योग्य नहीं है!

2. जिस थाली को ठोकर लग गई या पांव लग गया वह भोजन भिष्टा के समान है! वह भोजन योग्य नहीं है!

3. जिस भोजन की थाली में या भोजन में बाल (केश) पड़ा हो वह दरिद्रता के समान है! भोजन योग्य नहीं है!

4. जिस थाली में पति पत्नी एक साथ भोजन कर रहे हों वह भोजन भी योग्य नहीं है! लेकिन पत्नी अगर अपने पति की झूठी थाली या पति का झूंठा खाती है तो उसे चारों धाम का पुण्य फल मिलता है!

हे अर्जुन, बेटी अगर कुमारी हो और पिता के साथ एक ही थाली में भोजन करती है, तो उस पिता की कभी अकाल मृत्यु नहीं हो सकती क्योंकि बेटी पिता की अकाल मृत्यु को हर लेती है .

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