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महात्मा नारायण स्वामी जी की पुण्यतिथि के अवसर पर आर्यवीर महासम्मेलन का आयोजन सम्पन्न

मुरादाबाद, सागर और ज्वाला न्यूज। 

 

महासम्मेलन के आयोजन में अक्टूबर 2022 को महात्मा नारायण स्वामी जी की पुण्यतिथि के अवसर पर आर्यवीर महासम्मेलन का आयोजन बुद्धि विहार सर्किट हाउस के पीछे मुरादाबाद में किया सम्पन्न हुआ।

महासम्मेलन का शुभारंभ आर्य वीर दल की शाखा, तत्पश्चात यज्ञ ब्रह्मा , डॉक्टर प्रियबंदा वेद भारती ने 5 दिन के व्रत दिव्या  कराया गया यज्ञ में गुरुकुल की ग्राम चारियों द्वारा मंत्रोचार किया गया। इसके पश्चात वेद प्रकाश वेद एवं सत्य प्रकाश सम्मेलन  स्वतंत्रता संग्राम में सत्य प्रकाश की भूमिका  पर प्रकाश डाला गया

इस सम्मेलन की अध्यक्षता आर्य वीर दल दिल्ली प्रदेश के कोषाध्यक्ष जितेंद्र भाटिया ने की

इस महा सम्मेलन  मुख्य अतिथि के रुप में भूपेंद्र सिंह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ,जयपाल सिंह जी व्यस्त ,चौधरी भूपेंद्र सिंह, आचार्य अग्निवृत ,नैश्तिक स्वामी आयुर्वेद जी महाराज दिल्ली, ठाकुर विक्रम सिंह अध्यक्ष राष्ट्र निर्माण पार्टी ,आदि मंच पर उपस्थित रहे। आचार्य आर्यवेश जी स्वामी आर्य प्रतिनिधि सभा जो सार्वजनिक आर्य प्रतिनिधि सभा के अधिकारी हैं

उन्होंने ध्वजारोहण करके सम्मेलन का प्रारंभ किया मंच से आचार्य अग्निवृत नैश्तिक ,ने वेदों के मंत्रों की वैज्ञानिक व्याख्या करते कहा कि सृष्टि के समस्त जीव सृष्टि ध्वनि के आधार पर बनी है ध्वनि के बाद ही परमाणु बने परमाणु के उपरांत ही अन्य सृष्टि के तत्व का निर्माण हुआ। उन्होंने सृष्टि को जानने के लिए महर्षि दयानंद सरस्वती के रितु भूमिका को पढ़ने का निर्देश दिया।  कार्य सम्मेलन की का संचालन गुरुकुल पोंधा देहरादून के आचार्य धनंजय जी ने किया

दूसरे सत्र में मातृशक्ति  वीरांगना सम्मेलन आयोजित हुआ जिसकी अध्यक्षता वैदिक कन्या गुरुकुल चोटीपुरा की आचार्य डॉ सुमिता जी ने की और संचालन पवित्रा विद्यालंकार अधिष्ठात्री कन्या गुरुकुल सासनी हाथरसने किया  शिक्षिका के रूप में रेखा गुप्ता गुप्ता, बैंक और मुख्य अतिथि के रूप में विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ शेफाली सिंह ,अल्पना गुप्ता, कांति कुमार ,लखनऊ उपस्थित हुए

इस अवसर पर विविध भारती जी ने महिला शक्ति के निर्माण के लिए वेद के अनुसार आचरण करने मानव जीवन मे आवश्यक है जिस प्रकार मर्यादा पुरुषोत्तम राम भगवान, भगवानश्री कृष्ण, ऋषि दयानंद, ऋषि गौतम, जैमिनी पतंजलि, आदि ऋषियों ने किया। उनके द्वारा स्थापित विचारधारा में समाज बहुत नैतिकता के आधार पर जी रहा था। इस अवसर पर गुरुकुल की अनेक बेटियों ने देश भक्ति और धर्म के आधार पर अपने निवेदन उद्बोधन आर्य समाज आर्य वीर दल के सम्मेलन में व्यक्त किए।

इसके बाद महात्मा नारायण स्वामी के चरित्र पर एक सभा का आयोजन किया गया।जिन्होंने आर्य वीर दल की स्थापना की थी इस सभा का संचालन रमेश आर्य ने किया

और मुख्य अतिथि के रूप में अरविंद कुमार वर्मा विशेष अतिथि गोपाल अग्रवाल गोपी किशन आदि रहे रमेश आर्य ने अपने द्वारा संकलित महात्मा नारायण स्वामी पर लघु पुस्तिका में उनके गौरवशाली इतिहास का वर्णन किया।कलेक्ट्रेट के कर्मचारी ने अपनी कौशल कुशलता के आधार पर एक राष्ट्रीय स्तर का पद प्राप्त करके धर्म की रक्षा की। आत्मा स्वामी आर्य समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। उन्होंने रामगढ़ तल्ला नैनीताल में बेटियों के कन्या विवाह प्रारंभ कराएं ।और जो छोटी जातियां थी उनकी बेटियों की डोलिया सुचारू रूप से निकलवाई और सत्य प्रकाश पर सिंध प्रांत द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ आंदोलन किया  साथ ही 1943 में हैदराबाद सत्याग्रह के सर्वाधिकारी बने और हैदराबाद निजाम के खिलाफ पूरे देश का आर्य समाज हैदराबाद के सत्याग्रह में कूदा और 6 महीने में ही हैदराबाद के निजाम को लेकर काफी संघर्ष किया ।हिंदुओं पर लगे आरोपो को  हटाना  पडा

इस अवसर पर  कन्या गुरुकुल नजीबाबाद की ब्रह्मचारी  द्वारा महात्मा नारायण स्वामी जी के चरित्र पर एक लघु नाटिका कि प्रस्तुत का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। रात्रि कालीन बेला में कवि सम्मेलन आयोजित किया गया  डॉक्टर मोहन मनीष जी सारस्वत, अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कविराज दिल्ली दयाशंकर आर्य, बदायूं धर्मेश, अविचल अमरीश गर्ग ,अशोक विश्नोई, विद्रोही मयंक शर्मा ,राम सिंह आर्य, रामअवतार योगी ब्रह्मचारी मनस्वी, अशोक तिवारी ,आदि ने महर्षि दयानंद के जीवन पर अनेक संस्मरण सुना कर सभा को भाव विभोर कर मन प्रफुल्लित कर दियाज्ञानेंद्र गांधी, लोकेश आर्य, अजब सिंह आर्य, आलोक आर्य ,आचार्य पंकज ,आचार्य हरि सिंह, आचार्य देवव्रत आर्य ,हिमांशु कौशिक, जसवंत आर्य , नीरज सोलंकी एडवोकेट,जितेंद्र प्रताप आर्य ,पूनम चौहान ,नरेश यादव, हरनाम सिंह, यशपाल आर्य ,ओमेंद्र आर्य ,उषा गुप्ता ,ब्रजनंदन गुप्ता ,विनोद कुमार गुप्ता, ऋषि पाल यादव, आदि का  सराहनीय सहयोग रहा। यज्ञ कराया गया। तत्पश्चात ध्वजारोहण सार्वत्रिक आर्य वीर दल के आर्यवेश जी ने किया।

 

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