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जापान के पूर्व पीएम की हत्या से भारतीय एजेंसियों ने लिया सबक, VVIP सिक्योरिटी में होगा बदलाव

हाइलाइट्स

शिंजो आबे की 8 जुलाई को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी
सीआरपीएफ और सीआईएसएफ ने अपनी VVIP सिक्योरिटी में कुछ बदलाव किए हैं
अब वीवीआईपी की हर दिशा में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाएगी

नई दिल्ली: भारत में वीवीआईपी सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने हाल ही में जापान में पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की सरेआम हत्या की घटना का विश्लेषण किया है. उन्होंने आबे की सुरक्षा में कई खामियां पकड़ी हैं, और इसके हिसाब से अपने प्रोटोकॉल में कुछ फेरबदल करने का फैसला किया है. सूत्रों के मुताबिक, प्रशिक्षण के तरीके में भी बदलाव किया गया है. सीआरपीएफ कुछ अतिरिक्त सुरक्षा उपकरण खरीदने पर भी विचार कर रही है

जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे की 8 जुलाई को उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह चुनाव अभियान के दौरान नारा शहर में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. 40 साल के यामागामी तेतसुया ने हाथ से बनी पिस्तौल से उन्हें गोली मार दी दी थी. हॉस्पिटल में 4.5 घंटे तक उनका इलाज चला, लेकिन बहुत खून बह जाने के कारण उन्हें बचाया नहीं जा सका. उन्हें अलग से खून भी चढ़ाया गया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

CRPF, CISF ने तैयार की रिपोर्ट
भारत में गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित तमाम वीवीआईपी की सुरक्षा संभालने वाली केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की दो इकाई CRPF और CISF ने उन खामियों का विश्लेषण किया, जिसकी वजह से आबे की जान चली गई. सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, शिंजो आबे की हत्या के दौरान उनकी सुरक्षा व्यवस्था बहुत लचर थी. हमारे अध्ययन से उसकी कई गंभीर खामियां पता चली हैं. अधिकारियों ने कहा कि भारतीय एजेंसियां इस तरह की चूक कभी नहीं करतीं, फिर भी प्रासंगिक बदलाव लाने के लिए एक रिपोर्ट तैयार की गई है.

आबे की हत्या में मिलीं सुरक्षा खामियां
1. न्यूज 18 को मिले विश्लेषण से मालूम चलता है कि शिंजो आबे पर जब हत्यारे ने गोली चलाई, तो सुरक्षाकर्मी अपना बैलिस्टिक सूटकेस खोलने में नाकाम रहे. बैलिस्टिक सूटकेस गोली रोकने में बहुत काम आता है. यह 9 एमएम, 7.62 एमएम जैसी गोलियों को रोक सकता है. यह सूटकेस बेहद हल्का होता है. हमले की स्थिति में इसे जल्दी से खोलकर वीआईपी को सुरक्षा दी जा सकती है.

2. दूसरी खामी ये रही कि आबे के सभी सुरक्षाकर्मी एक ही दिशा में यानी सामने की तरफ देख रहे थे. उनके पीछे सुरक्षा के लिए कोई तैनात नहीं था. आमतौर पर सुरक्षाकर्मी वीआईपी के चारों तरफ नजर रखते हैं. अधिकारियों का कहना है कि जिसे जो दिशा दी जाती है, उसे वहीं पर फोकस रखना होता है.

3. तीसरी, जब हत्यारे ने आबे पर गोली चलाई तो उन्हें सुरक्षा आवरण नहीं दिया गया. पहली गोली के बाद दूसरी गोली से उन्हें बचाने के लिए कुछ नहीं किया गया. जबकि सुरक्षाकर्मी हमले की स्थिति में वीआईपी को विभिन्न उपकरणों से तुरंत घेर लेते हैं.

4. यही नहीं, शिंजो आबे को बचाकर निकालने में भी सुरक्षा तंत्र की खामी नजर आई. हत्यारे ने जब गोली चलाई तो सुरक्षाकर्मियों की प्रतिक्रिया बहुत धीमी थी. पूर्व प्रधानमंत्री को बचाकर निकालने का कोई प्रयास नहीं हुआ.

भारत ऐसे दूर करेगा खामियां
शिंजो आबे के साथ हुई घटना को देखते हुए सीआरपीएफ और सीआईएसएफ ने अपनी वीवीआईपी सिक्योरिटी में कुछ बदलाव किए हैं. सूत्रों के मुताबिक, लगभग सभी मंत्रियों और विपक्षी नेताओं को सुरक्षा देने वाले सीआरपीएफ ने और ज्यादा बैलिस्टिक सूटकेस तैयार रखने का फैसला किया है. अधिकारियों का कहना है कि हो सकता है कि जरूरत पड़ने पर कोई बैलिस्टिक सूटकेस न खुले, ऐसे में प्रधानमंत्री की सुरक्षा की तरह ही हम ज्यादा सूटकेस रखेंगे. सूटकेस की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. इसके अलावा, अब वीवीआईपी की हर दिशा में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाएगी. हमले की स्थिति में बचाकर निकालने के लिए खास ट्रेनिंग भी दी जाएगी.

Tags: CISF, CRPF, Shinzo Abe

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